नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री के रूप में कल शपथ लेने वाले हैं. 30 मई को होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर है। इसमें बिमस्टेक देशों को निमंत्रण दिया गया है। इनकी मौजूदगी के साथ ही इस बार का ये शपथ ग्रहण समारोह काफी भव्य होने वाला है।
इसमें 65 सौ मेहमानों के जुटने की संभावना है। इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक, इस शपथ ग्रहण समारोह के लिए खास तैयारियां शुरू हो गई हैं। आइये जानते हैं, अब तक के शपथ ग्रहण समारोह से क्या खास हैं इस बार…
इस बार सबसे ज्यादा होगी महमानों का तादाद
राष्ट्रपति भवन इस में बार सबसे ज्यादा मेहमानों की मेहमान नवाजी करने वाला है। गुरुवार शाम को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में 5 से 6 हजार लोग मौजूद रहेंगे। इसमें 14 देशों के प्रमुख, कई देशों के एम्बेसडर, बुद्धिजीवी, राजनीतिक कार्यकर्ता, सिनेमा जगत की हस्तियां और कई दिग्गज लोग शमिल होंगे।
इकोनॉमिक्स टाइम्स के लेख के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मोदी मंत्रिमंडल का इस बात पर जोर है कि समारोह को सादा और सिंपल रखा जाए, जिससे ये उतना ही ज्यादा प्रभावशाली हो सके।
राष्ट्रपति भवन के फोरकोर्ट में होगा शपथ ग्रहण समारोह
नरेंद्र मोदी का ये शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन के फोरकोर्ट में होने वाला है, जो राष्ट्रपति भवन के मेन गेट और मेन बिल्डिंग के बीच का शानदार रास्ता है। इस जगह को राष्ट्रपति भवन में आने वाले महमानों, सरकार के खास लोगों और चेंज ऑफ गार्ड सेरेमनी के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
ऐसा चौथी बार होगा जब किसी प्रधानमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह दरबार हॉल में न होकर फोरकोर्ट में होगा। दरबार हॉल छोटे समारोह के लिए है, जिसमें केवल 500 लोग ही आ सकते हैं। पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के शपथ ग्रहण समारोह (1990) में इस जगह का इस्तेमाल किया गया था।
इसके बाद 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए भी इसका इस्तेमाल किया गया था। फिर 2014 में नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल के लिए इसी जगह का इस्तेमाल किया गया था, जब सार्क देशों सहित लगभग 4 हजार लोगों ने इस शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था।
वेज-नॉन वेज थाली, दाल रायसीना, राजभोग…
ये समारोह काफी हद तक 2014 के समारोह के तरह ही होगा. ऊंची सीटों का इस्तेमाल होगा, जिससे शपथ ग्रहण समारोह सभी लोग आराम से देख सकें। मेहमानों के लिए हल्का खाना और नाश्ते का इंतजाम किया जाएगा।
नाश्ता शाकाहारी होगा, जिसमें समोसा, राजभोग से लेकर लेमन टार्ट तक शामिल होगा। वहीं, खाना शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का होगा। सभी खाने का इंतजाम राष्ट्रपति के किचन में ही किया जाएगा।
बदला गया समय, पानी की बोतल भी
इसके लिए समय का भी खास ध्यान रखा गया है, मेहमानों के लिए खाने का समय देर में रखा गया है, जो हमारे देश के मुकाबले देर से खाना पसंद करते हैं। खाने में राष्ट्रपति भवन की खास डिश दाल रायसीना शामिल है, जिसको बनाने में 48 घंटे से भी अधिक का वक्त लगता है। ये दाल मंगलवार रात से ही बननी शुरू हो गई है।
2014 में 6 बजे के शपथ ग्रहण समारोह के लिए 4 से 4.30 बजे के बीच मेहमान आने लगे थे और उस वक्त तक गर्मी ज्यादा थी। पिछली बार राष्ट्रपति भवन में सुरक्षा कारणों से पानी की बोतलों का इंतजाम भी नहीं था। इन सबको देखते हुए इस बार समारोह का समय 7 बजे किया गया है, वहीं पीने के पानी का भी इंतजाम किया गया है।
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