छत्तीसगढ़

पुनर्मूल्यांकन फर्जीवाड़ा में एफआईआर कराने की मांग, एनएसयूआई का प्रदर्शन

रायपुर। पुनर्मूल्यांकन में हुए फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार पर एफआईआर दर्ज करने एवं मूल्यांकन में हो रही गड़बड़ी और छात्रों को परीक्षा फार्म भरने में आ रही परेशानियों के विरोध में रविशंकर विश्वविद्यालय में एनएसयूआई के कार्यकार्ताओं ने अर्धनग्न प्रदर्शन किया।


दुर्गा कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष शांतानु झा एवं जिला सचिव अरुणेश मिश्रा ने बताया कि जांच कमेटिया रिपोर्ट सौपती है प्रबंधन उस पर पर्दा डालता है और बार बार कमेटी बना कर इस मामले को रफा दफा करने में लग जाता है, जब 2 कमेटियां रिपोर्ट सौप चुकी है और रिपोर्ट से प्रबंधन सन्तुष्ट नही है तो क्यो ये मामले को न्यायिक जांच के लिए नही भेजा जा रह है? मूल्यांकन में गड़बड़ी की बात उठाते हुए दुर्गा कालेज के पूर्व उपाध्यक्ष निखिल बघेल ने बसना क्षेत्र के एक विद्यार्थी की कापी दिखा कर सवाल उठाए की कॉपी की फोटोकॉपी में कुलयोग 35 होने के बावजूद पहले 33 फिर पुनर्गणना में 29 कर बार बार क्यो परेशान किया जा रहा है विश्विद्यालय की गलतियों पर छात्रों को बार बार शुक्ल क्यो देना पड़े? इस बीच गहमा गहमी में जब ऑनलाइन फार्म की समस्याओं की शिकायत पर जब कुलसचिव सुधार की बात करने लगे तो छात्रनेता भड़क उठे और कहा की 3 सालो से यही बात सुनते आ रहे है कुलसचिव जरूर बदल जाते है पर समस्याएं और आपके एक्सक्यूज नही बदलते। इस दौरान जब तत्काल एफआईआर की मांग उठने लगी तब पुलिस ने छात्रों को बलपूर्वक गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेज दिया गया जहां देर शाम उन्हें रिहा किया गया। गौरतलब है कि फरवरी 2017 में से इस विषय पर लगातार प्रदर्शन के बाद विश्विद्यालय द्वारा जांच कमेटी बनाई गई अभी हाल में ही तीसरी बार इस मसले पर जांच कमेटी बनाई गई है इसके पूर्व बनी दो कमेटियों ने अपनी जांच रिपोर्ट में प्रोफेसर को दोषी पाया है।

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