रायपुर। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देश पर 10 रुपये के सिक्के बाजार सहित मान्यता प्राप्त बैंक में लेने का प्रावधान है किन्तु छत्तीसगढ़ में जिस तरीके से 10 रुपये का सिक्का नियम विरुद्ध अमान्य किया गया है उसके चलते उपभोक्ता परेशानी झेल रहे हंै।
ज्ञातव्य है कि सब्जी व्यापारियों से लेकर थोक विक्रेता भी 10 रुपये का सिक्का लेने से इंकार कर रहे हंै। छत्तीसगढ़ को छोडक़र समस्त राज्यों में 10 रुपये के सिक्के चलन में है। शनिवार रात को ऐसा ही एक नजारा टर्निंग पाइंट के पहले स्थित एक डेयरी में देखने को मिला।
जब एक ग्राहक ने एक पाव मीठा दही खरीदकर रुपयों के साथ 10 रुपये का सिक्का दिया। जिसका दुकान संचालक ने मना करते हुए साफ शब्दों में 10 रुपये का सिक्का लेने के इंकार किया।
प्रतिनिधि द्वारा आरबीआई के निर्देशों का हवाला देते हुए जब ग्राहक से 10 रुपये का सिक्का लेने के लिए कहा गया तब दुकान के संचालक ने ग्राहक से दुव्यर्वहार करते हुए अपमानजनक व्यवहार किया। साथ ही ग्राहक से यह भी कहा कि राजधानी ही नहीं प्रदेश में 10 रुपये का सिक्का लेने से व्यापारी मना कर रहे हैं।
यहां तक की बैंक में 10 रुपये के सिक्के की चिल्लहर लेने से साफ इंकार कर रहे हैं। यह बैंक नियमों के तहत राजस्व मुद्रा का अपमान है। इस संबंध में प्रतिनिधि द्वारा आरबीआई के सुंदर नगर स्थित कार्यालय से चर्चा की गई तो उन्होंने व्यापारियों को चेताया की 10 रुपये का सिक्का वे चलन से बाहर करने के लिए अधिकृत नहीं है।
लालपुर के व्यापारी हीरालाल बुरड़ ने इस पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए आरबीआई के गवर्नर से स्थानीय शाखा के जिम्मेदारों से समय-समय पर बाजार का निरीक्षण कर जनता को राहत दिलानी चाहिये। (एजेंसी)
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