भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र में शुक्रवार की सुबह भीषण आग लग गई। आग कॉल केमिकल टीडीपी वन में लगी है। आगजनी का कारण अभी पता नहीं चल पाया है। आग बुझाने में फायर ब्रिगेट की 12-15 गाडिय़ां लगी हुई है।
रायपुर से भी फायर ब्रिगेड की 8 गाडिय़ां भेजी गई हैं। आग से भिलाई में धुंआ फैल गया था। घटना की जानकारी मिलते ही वहां संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे गए हैं। संयंत्र में लगातार दो दिनों के अंदर यह दूसरी घटना है।
भिलाई इस्पात संयंत्र के कोकोवन में लगी भीषण आग पर नियंत्रण पाने के लिए भिलाई व रायपुर से फायर ब्रिगेड की करीब 8 गाडिय़ां घटना स्थल पर पहुंचकर आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही है। वहीं घटना की जानकारी मिलते ही आग पर काबू पाने के लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्ग जिले के कलेक्टर को हर संभव सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह भिलाई स्टील प्लांट के कोकोवन के सीसीडी-1 प्लांट में रखे तारकोल नेपथलीन यार्ड में भीषण आग लग गई। आग की लंबे-लंबे लपटे उठते देख प्लांट में स्थित कर्मचारियों ने घटना की सूचन अग्निशमन विभाग को दी। आग पर काबू पाने के लिए फायर बिग्रेड की 8 गाडिय़ां भिलाई व रायपुर से घटना स्थल पर पहुंचकर आग को बुझाने में लगी हुई है।
वहीं जैसे ही भिलाई इस्पात संयंत्र के अंदर आग लगने की जानकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मिली उन्होंने तत्काल दुर्ग कलेक्टर को आग को नियंत्रित करने के लिए हर संभव सहायता देने के लिए निर्देश दिए हैं। जिसके बाद तत्काल रायपुर से फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां मंगाकर आग को काबू करने की कोशिश की जा रही है।
संयंत्र में लगातार यह दूसरी घटना है। गुरुवार को लेडल पंचर होने से आग फैल गई थी। तब दो बार बड़ा धमाका भी हुआ। इस तरह से भीषण गर्मी के दौरान संयंत्र में लगातार दो दिनों से बड़ी आग लग रही है, जिससे सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। मौके पर जायजा लेने यूनियन की टीम भी पहुंची है। तार प्लांट में आग लगने की सूचना मिली तो बीएसपी सीईओ समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। रायपुर से भी दमकल वाहनों को बुलाया गया है।
भिलाई इस्पात संयंत्र के स्टील मेल्टिंग शॉप (एसएमएस-3) लेडल में गुरुवार को एलएफ-2 में लेडल पंचर हो गया था, जिससे चंद मिनट में आग फैल गई। आग लगने के बाद दो बड़े धमाके हुए, जिससे यहां काम करने वालों में भगदड़ मच गई। आनन-फानन में दमकल विभाग से 2 वाहन को मौके पर भेजा गया।
इसके बाद फायर फाइटरों ने करीब एक घंटे तक जद्दोजहद करने के बाद आग को नियंत्रित कर पाए। घटना में ट्रांसफार्मर, केबल सबकुछ जलकर खाक हो गया। वहीं लेडलकार भी अपने स्थान पर जम गया था। इस दौरान हॉट मेटल जमीन में बह गया और रेलवे ट्रैक पर फैल गया, जिससे यह ट्रैक जाम हो गया।
बीएसपी के एसएमएस-3 के एलएफ-2 में लेडल के पंचर हो जाने से करीब 180 टन हॉट मेटल बह गया। आग की लपट इस तरह उठी की आसपास मौजूद कर्मचारी यहां से भाग खड़े हुए। आग लगने से करोड़ों करोड़ों का नुकसान होने की आशंका है। बीएसपी के एसएमएस-3 में हॉट मेटल लेकर जाते समय यह हादसा हुआ। लेडल के आसपास कर्मचारी नहीं थे, नहीं तो इससे उनको नुकसान हो सकता था।
बीएसपी के कनवर्टर में तैयार स्टील को सेकेंडरी स्टील शॉप में विभिन्न प्रक्रिया से गुजरने के बाद स्लैब और ब्लूम के रूप में कास्टिंग करने कंटीन्यूअस कास्टिंग शॉप में लाया जाता है।
इस दौरान सारी प्रक्रिया स्टील लेडल से होती है। इससे इस्पात लिक्विड अवस्था में रहता है, जिसे कंटीन्यूअस कास्टिंग शॉप में ब्लूम और स्लैब के रूप में डालकर प्लेट मिल और रेल मिल में भेजा जाता है।
बीएसपी में विभाग के जिम्मेदार अधिकारी एक ही लेडल का उपयोग बार-बार कर रहे हैं। एक लेडल का इस्तेमाल 8 से 10 बार करने के बाद उसे मेंटनेंस में भेज दिया जाना चाहिए। इसके विपरीत 15 से 16 हिट्स एक लेडल से ले रहे हैं।
लेडल को इस तरह तैयार किया जाता है, सबसे पहले बाल्टि में ब्रिक्स का लेयर लगाया जाता है, इसके बाद उसके ऊपर दो तरह के मेटल का लेयर लगाते हैं। इस तरह से यह तीन लेयर से इसे तैयार करते हैं।
यह भी देखें :
Add Comment