जगदलपुर। जिस प्रकार से कान्वेंट संस्कृति का प्रचार-प्रसार हो रहा है और शहर से थोड़ी दूरी पर दर्जनों निजी स्कूलों के खुलने से शहर के बच्चों को लाने ले जाने के लिए स्कूलों के द्वारा अपने वाहनों का उपयोग लिया जा रहा है।
उसको देखते छुट्टी के समय जिले के 5 हजार स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए आरटीओ ने निजी स्कूलों को सूचना भेजकर स्कूल वाहनों में मार्गदर्शिका का पालन करने निर्देश भेजा है।
ताकि स्कूल खुलने से पहले स्कूल संचालक व्यवस्था बनाकर बच्चों का लाना ले जाना सुरक्षित कर सकें। इस मार्गदर्शिका के अनुसार अब स्कूलों की बड़ी वेन और जीप में 13 छात्र ही और ऑटो में 5 से अधिक बच्चे सवार नहीं किए जा सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा के संबंध में अभी तक इन स्कूलों के ऊपर उनके वाहनों के लापरवाही पर कोई उचित निरीक्षण व्यवस्था नहीं की जा रही है।
इसलिए यातायात विभाग ने अब पहले से ही सतर्कता करते हुए दिए गए निर्देश में वाहनों में चिकित्सा बॉक्स और दोनों ओर जालियां लगाने की व्यवस्था करना भी अनिवार्य होगी। इसके अलावा ऑटो और वैन से निजी स्कूलों में पहुंचने वाले बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निजी स्कूलों को लेनी होगी।
परिवहन विभाग का कहना है कि निजी स्कूलों में भले ही बच्चे ऑटो व वैन से पहुंच रहे हैं लेकिन यदि इनमें कुछ भी गड़बड़ी होती है तो इसके लिए स्कूल संचालक ही जिम्मेदार होंगे।
इसलिए स्कूलों को ऑटो व वैन ड्राइवर का रिकॉर्ड रखना होगा। ऐसे वाहनों से आने वाले बच्चों को स्कूल के अंदर तक छोडऩे की जिम्मेदारी ऑटो व वैन चालक की रहेगी ताकि बच्चे सुरक्षित स्कूल से घर व घर से स्कूल पहुंच सकें।
इस संबंध में आरटीओ अगस्तीन टोप्पो ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, राज्य सरकार, माध्यमिक शिक्षा मंडल व सीबीएसई बोर्ड द्वारा जारी की गई गाइड लाइन का पालन करने संबंधी शपथ पत्र स्कूल संचालकों से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऑटो और वैन से जिन निजी स्कूलों में बच्चे जाते हैं। उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूलों को लेनी होगी।
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