रायपुर। प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में 23 मई को होने वाली मतगणना के लिए शुक्रवार को राज्य के सभी 27 जिलों के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों, सहायक रिटर्निंग अधिकारियों तथा उप जिला निर्वाचन अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने अधिकारियों को मतगणना के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अब जबकि ईवीएम मशीन से अंतिम चक्र की मतगणना के पश्चात 5 व्हीव्हीपेट मशीनों की पर्चियों की गणना किया जाना है।
ऐसे में समय और संसाधन का प्रबंधन बहुत आवश्यक है। इसलिए इसके तकनीकी पहलुओं और इसकी बारीकियों के बारे में प्रशिक्षण में बताई गई बातों के बारे में विशेष ध्यान दें।
रायपुर के सिविल लाईन स्थित नवीन विश्राम भवन के ऑडिटोरियम में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम मे आदर्श मतगणना केंद्र भी तैयार किया गया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने प्रशिक्षण के दौरान मतगणना की तैयारियों में तेजी लाते हुए इसे अंतिम रूप देने के निर्देश दिए।
उन्होंने मतगणना स्थल की संवेदनशीलता के मद्देनजर वहां सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम करने कहा। साहू ने स्ट्रांग रूम से मतगणना कक्ष तक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लाने और वापस सील करने, सभी उम्मीदवारों को प्राप्त मतों के टेबुलेशन और आवश्यक प्रपत्रों को भरने तथा अंतिम परिणाम घोषित करने के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने सभी विधानसभा क्षेत्र के पाँच- पाँच मतदान केन्द्रों के व्हीव्हीपैट के मतों की गिनती के लिए भी जरूरी व्यवस्था और इस कार्य के लिए नियुक्त अधिकारियों-कर्मचारियों के समुचित प्रशिक्षण के भी निर्देश दिए।
उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यू.एस. अग्रवाल, श्रीकांत वर्मा और राष्ट्रीय स्तर के मास्टर ट्रेनर पुलक भट्टाचार्य ने मतगणना स्थल पर बुनियादी सुविधाओं, उम्मीदवारों एवं मतगणना अभिकर्ताओं की बैठक व्यवस्था, सुरक्षा इंतजामों, ईव्हीएम में डाले गए मतों और डाक मतपत्रों की गिनती के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
लगभग 10 घंटे चले गहन प्रशिक्षण के दौरान अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ एस. भारतीदासन,संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी त्रय समीर विश्नोई,श्रीमती पद्मिनी भोई साहू तथा डॉ के.आर.आर.सिंह, सभी ग्यारह लोकसभा क्षेत्रों के रिटर्निंग ऑफिसर, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के एक-एक सहायक रिटर्निंग ऑफिसर और सभी 27 जिलों के उप जिला निर्वाचन अधिकारी तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के प्रमुख अधिकारी शामिल थे।
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