भारत में शायद ही ऐसा कोई होगा जिसने जलेबी न खाया हो या इस मिठाई का नाम न सुना हो। भारत के अलावा यह पाकिस्तान, बांग्लादेश और ईरान के साथ-साथ तमाम अरब मुल्कों का भी एक लोकप्रिय व्यंजन है।
वैसे तो इस मिठाई को भारत की राष्ट्रीय मिठाई माना जाता है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जलेबी भारतीय मिठाई नहीं है। यह विदेश से आई मिठाई है जो आज भारत के हर कोने में फेमस है।
आमतौर पर तो जलेबी सादी ही बनाई व पसंद की जाती है, लेकिन पनीर या खोया जलेबी को भी लोग बड़े चाव से खाते हैं। बारिश और जाड़े के दिनों में तो जलेबी खाने का अपना अलग ही मजा है।
वैसे आमतौर पर जलेबी छोटी ही बनाई जाती है, लेकिन मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में तो 300 ग्राम वजन की एक जलेबी मिलती है। बाजारों में जलेबी की तरह ही एक और मिठाई मिलती है, जिसे इमरती कहा जाता है। बनाने की विधि से लेकर स्वाद तक में इमरती बिल्कुल जलेबी की तरह की होती है। हां, इमरती की बनावट जलेबी से थोड़ी अलग जरूर होती है।
कुछ लोगों का मानना है कि जलेबी मूल रूप से अरबी शब्द है और इस मिठाई का असली नाम है जलाबिया। मध्यकालीन किताब ‘किताब-अल-तबीक’ में ‘जलाबिया’ नामक मिठाई का उल्लेख मिलता है, जिसका उद्भव पश्चिम एशिया में हुआ था।
ईरान में जलेबी को जुलाबिया या जुलुबिया नाम से जाना जाता है। कहते हैं कि जलेबी 500 साल पहले तुर्की आक्रमणकारियों के साथ भारत पहुंची थी और अब यह मिठाई भारत की पहचान बन चुकी है।
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