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CAG की रिपोर्ट पर सियासी बवाल… भाजपा ने कहा- क्षमता से ज्यादा कर्ज लेकर राज्य को दिवालिया कर देगी सरकार… कांग्रेस का जवाब- कर्ज लेकर किसानों को आत्महत्या से बचाया…

छत्तीसगढ़ सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है। इस पर भाजपा ने कहा कि इस रिपोर्ट से साफ है सरकार कर्ज लेकर प्रदेश को दिवालिया कर देगी। भाजपा के जवाब में ंकांग्रेस ने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों के लिए कर्ज लिया है। यह अलग बात है कि भाजपा CAG की रिपोर्ट में कोई घोटाला नहीं ढूंढ तो कर्ज पर भी आरोप लगा रहे हैं।

भाजपा आर्थिक प्रकोष्ठ के अमित चिमनानी ने कहा कि किसी राज्य के लिए कर्ज लेने की एक सीमा होती है। अगर ऐसा न हो तो शायद हर प्रदेश दिवालिया हो जाए। FRBM एक्ट में कर्ज लेने की सीमा राज्य की सकल घरेलू उत्पाद का 21.23 प्रतिशत तय है। राज्य सरकार ने 2020 में इस सीमा को पार कर जीएसडीपी का 23.91% कर्ज लिया है। मार्च 2020 को सरकार का कर्ज व अन्य देनदारियां कुल 78 हजार 712 करोड़ थीं, जिसमें बाजार से लिया ऋण 60 हजार 382 करोड़ 67 लाख रुपए था।

चिमनानी ने कहा, भाजपा सरकार के दौरान 2015-16 में यह कर्ज जीएसडीपी का 16.76%, वर्ष 2016-17 में 17.64 % और 2017-18 में 19.31% रहा। वह कानूनी सीमाओं के काफी भीतर था। वर्ष 2019-20 में सरकार ने 2018-19 के मुकाबले 1 हजार 317 करोड़ 78 लाख रुपए ज्यादा ब्याज चुकाया। कुल ब्याज 4 हजार 970 करोड़ 33 लाख पटाया। बढ़ते कर्ज की वजह से सरकार को अब विकास के कार्यों में खर्च होने वाली राशि ब्याज के रूप में चुकानी होगी, जिससे विकास पूरी तरफ बाधित होगा। पब्लिक डेब्ट के भुगतान में 658.8% की वृद्धि हुई है।

कभी राजस्व घाटे में नहीं रही सरकार
भाजपा नेता ने कहा, छत्तीसगढ़ बनने के बाद यह पहली बार हुआ है कि राज्य 9 हजार 608 करोड़ 61 लाख रुपए के राजस्व घाटे में रहा। भाजपा सरकार के दौरान वर्ष 2015-16 में 2 हजार 366 करोड़ 65 लाख, वर्ष 2016-17 में 5 हजार 520 करोड़ 65 लाख और 2017-18 में 3 हजार 417 करोड़ 32 लाख रुपए राजस्व अधिक रहा था।

वित्तीय घाटे ने तोड़ा रिकॉर्ड
भाजपा नेता ने कहा, राज्य ने अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा वित्तीय घाटा दर्ज किया है। वर्ष 2019-20 में वित्तीय घाटा 17 हजार 969 करोड़ 55 लाख रुपए का हुआ है। FRBM एक्ट के हिसाब से यह राज्य की जीएसडीपी का 3.5% से ज्यादा नही होना चाहिए, लेकिन यह 5.46% तक जा पहुंचा है। भाजपा की सरकार में वित्तीय घाटा वर्ष 2015-16 में 4 हजार 573 करोड़ 71 लाख रुपए (2.03%), वर्ष 2016-17 में 4 हजार 47 करोड़ 27 लाख रुपए (1.61%) और 2017-18 में 6 हजार 810 करोड़ 32 लाख रुपए (2.73%) मात्र रहा था।

कांग्रेस बोली- कर्ज लेकर भी आम आदमी को मजबूत किया
भाजपा के आरोपों पर प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, CAG की रिपोर्ट के आधार पर भाजपा, कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के एक भी आरोप नही लगा पाई। रिपोर्ट में ऐसी कोई भी गड़बड़ियां नहीं जिस पर भाजपा कोई आरोप लगा सके। इसके पहले 15 सालों तक रमन सरकार के समय CAG की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन सरकार पर भ्रष्टाचार के अनेकों प्रमाणिक आरोप लगे थे। भाजपा राज्य पर कर्ज के बोझ बढ़ने का रोना रो रहे, लेकिन वे ये भूल रहे हैं कि कांग्रेस ने कर्ज लेकर कई किसानों को आत्महत्या से बचा लिया।

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