रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन कुमार सिंह के खिलाफ राज्य शासन ने जांच के आदेश दिए हैं। इस बार मामला आय से अधिक संपत्ति की शिकायत से जुड़ा है।
आरोप है कि पद में रहते हुए अमन कुमार सिंह ने बेहिसाब संपत्ति अर्जित की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद प्रमुख सचिव रेणु पिल्ले को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। पिछले दिनों कांग्रेस के प्रदेश सचिव विकास तिवारी ने मुख्य सचिव को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बिंदुवार तथ्यों को रखते हुए जांच की मांग की थी।
इस शिकायत के आधार पर ही राज्य शासन ने जांच बिठाई है। मुख्य सचिव को भेजी गई शिकायत में आरोप लगाया गया था कि भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी रहे अमन कुमार सिंह साल 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह के संयुक्त सचिव पर नियुक्त हुए थे।
तब वह मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके परिवार के नाम पर कोई बड़ी संपत्ति नहीं थी। आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में अपनी पदस्थापना के दौरान उन्होंने सैकड़ों करोड़ रूपए की संपत्ति बनाई। मुख्यमंत्री सचिवालय में रहते हुए दिन ब दिन शक्तिशाली होते चले गए।
रमन सरकार के दौरान कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय उनकी मर्जी के बगैर संभव नहीं था। शिकायत में दिए गए ब्यौरा के जरिए यह दावा किया गया है कि तमाम संपत्तियां अमन कुमार सिंह ने अवैध तरीके से बनाई है। इनमें नई दिल्ली के महारानी बाग इलाके में एफ-5 ब्लॉक के फर्स्ट फ्लोर में करीब 12 करोड़ रूपए का मकान शामिल है।
इसके अलावा शिमला में एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी के गेस्ट हाउस को करोड़ों रूपए में खरीदी, राजनांदगांव-खैरागढ़ रोड पर पत्नी यास्मीन सिंह के नाम पर पांच सौ एकड़ की बेनामी संपत्ति की खरीदी शामिल है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि उन्होंने अरबो रूपए दुबई की रूड्डह्यद्धह्म्द्गह्न क्चड्डठ्ठद्म, द्धस्रद्घष् ड्ढड्डठ्ठद्म तथा सिटी बैंक में पत्नी के नाम पर जमा किए हैं। इसके अलावा दुबई में ही सैकड़ों बैंक एकाउंट में बेनामी संपत्ति जमा की गई है।
विकास तिवारी ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया है कि अमन कुमार सिंह ने जार्डन और सउदी अरब के बीच बन रहे नए शहर हृश्वह्ररू सिटी में सेटल होने के लिए दुबई का पासपोर्ट प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।
मुख्य सचिव को भेजी गई शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि अमन कुमार सिंह ने धनेली गांव के करीब 22 एकड़ जमीन किसी कंपनी के नाम पर खरीदा है। देवास के किसी कॉलोनी में मकान नंबर 53 सी और भोपाल के औद्योगिक क्षेत्र में 18 हजार स्क्वेयर फीट जमीन की खरीदी की है।
उन पर यह भी आऱोप लगाया गया है कि शासकीय शराब दुकानों में काम करने वाले व्यक्तियों की सप्लाई करने के लिए एक कंपनी बनाई गई है, जो अवैध शराब बिक्री के काम में भी लिप्त है। शिकायत में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जनसंपर्क विभाग में सचिव रहते हुए कई बड़ी अनियमितताएं की गई।
प्रदेश के बाहर की कंपनियों को बड़ी धनराशि का भुगतान किया गया है। मांग की गई है कि उन तमाम नोटशीट का परीक्षण कर कार्रवाई की जाए। शिकायत में यह भी मांग उठाई गई है कि अमन कुमार सिंह की ओर से पिता की याद में भोपाल में बनाए गए वाइ एन सिंह मेमोरियल फाउंडेशन में आने वाली चैरिटी की भी बारीकी से जांच की जाए।
राज्य शासन को दी गई शिकायत में पत्नी यास्मीन सिंह की पीएचई विभाग में की गई नियुक्तियों पर भी सवाल उठाया गया है। शिकायत पत्र में कहा गया है कि प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए यास्मीन सिंह की नियुक्ति की गई थी। नियुक्ति के दौरान 35 हजार रूपए मानदेय तय किया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर एक लाख रूपए कर दिया गया।
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