रायपुर। राज्य में इजीनियरिंग कॉलेजों की स्थिति को लेकर हमेशा चर्चा होती रहती है, लेकिन इस बार मामला थोड़ा बड़ा है। प्रदेश में चल रहे तीन निजी इंजीनियरिंग कॉलेज बंद होने वाले हैं। इसके अलावा 4 इंजीनियरिंग कॉलेजों को दूसरे कॉलेजों के साथ मर्ज किया जा रहा है।
इस अनुमान लगाया जा रहा है कि सत्र 2019-20 में राज्य में इंजीनियरिंग लगभग तीन हजार सीटें घट जाएंगी। इस महीने होने वाली तकनीकि विश्वविद्यालय की (छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकांनद टेक्निकल यूनिवर्सिटी), भिलाई की होने वाली कार्यपरिषद की बैठक के बाद इसका ऐलान कर दिया जाएगा।
सीएसवीटीयू के वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार यूनिवर्सिटी से संबंधित 3 शासकीय और 42 निजी इंजीनियंरिंग कॉलेज सत्र 2018-19 में संचालित हैं।
अब सत्र 2019-20 के लिए तीन निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों ने बंद करने, चार ने दूसरे कॉलेजों में मर्ज करने का आवेदन ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) को दिया था। इन कॉलेजों ने नए सत्र की संबंद्धता के लिए, डायरेक्टोरेट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन(डीटीई), छत्तीसगढ़ और सीएसवीटीयू को आवेदन नहीं दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार सीआईटी, रावतपुरा सरकार समूह का एक इंजीनियरिंग कॉलेज और दुर्ग जिले में संचालित पार्थिवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट ने नए सत्र में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग कोर्स को बंद करने का आवेदन दिया है।
इसके अलावा प्रदेश के बड़े इंजीनियरिंग कॉलेज समूह शंकराचार्य ने भिलाई में संचालित एक और संतोष रूंगटा कॉलेज समूह ने दो और संजय रूंगटा कॉलेज समूह ने अपने एक इंजीनियरिंग कॉलेज को दूसरे कॉलेजों में मर्ज करने का आवेदन दिया था।
इसके अलावा सीआईएमटी, भिलाई ने इस बार नये सत्र में संबंद्धता के लिए आवेदन नहीं दिया है। एआईसीटीई ने इन कॉलेजों के आवेदन को स्वीकार कर लिया है। 15 मई से पहले सीएसवीटीयू द्वारा इसकी अधिकारिक सूची भी जारी कर दी जाएगी।
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