नई दिल्ली। दुबई पुलिस ने एक दिन पहले प्रेस कांफ्रेस करके बताया कि एशियाई देशों के कई ऐसे भिखारियों को गिरफ्तार किया गया है, जो ट्रैवल वीजा पर एक महीने के लिए यहां आए हैं। उन्होंने संकेत दिया कि इन एशियाई देशों में भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान के लोग शामिल हैं।
रमजान के दिनों में संयुक्त अरब अमीरात में काफी अच्छी भीख मिल जाती है और शायद यही कारण है कि रमजान के आसपास दुबई और अबूधाबी के साथ अन्य खाड़ी देशों में भिखारियों की संख्या अचानक बढ़ जाती है।
बड़े पैमाने पर ऐसे भिखारी नजर आने लगते हैं, जो पहले नहीं दिखते। ये वहां के बाजारों में मंडराते रहते हैं। दुबई पुलिस ने एक ऐसा भिखारी भी पकड़ा, जिसके पास एक लाख दिरहाम यानी 18 लाख रुपए मिले, जो उसने भीख से जुटाए थे। गौरतलब है कि रमजान के दिनों में जरूरतमंदों की मदद को अच्छा काम माना जाता है।
लिहाजा भीख मांगने वालों के लिए ये समय खाड़ी में काफी फायदेमंद होता है। खलीज टाइम्स और गल्फ न्यूज में छपी खबर के अनुसार, दुबई पुलिस के पुलिस कमिश्नर ने जब प्रेस कांफ्रेंस करके पूरी जानकारी पत्रकार को उपलब्ध कराई है।
उन्होंने बताया कि इस महीने में 250 से ऊपर भिखारी पकड़े जा चुके हैं। ये सुनियोजित तरीके से एशियाई देशों खासकर भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भेजे जाते हैं। उन्हें भेजने में ट्रेवल कंपनियां मदद करती हैं।
इन भिखारियों को ट्रेवल वीजा पर भेजा जाता है वो करीब महीने भर यहां रहते हैं और फिर वापस लौट जाते हैं, लेकिन जब वो लौटते हैं तो अच्छी खासी कमाई कर चुके होते हैं।
पिछले साल केवल दुबई में 243 ऐसे भिखारी पकड़े गए थे, जो विजिटर वीजा लेकर यहां आए थे। यहां की पुलिस का कहना है कि पिछले कुछ सालों में जिस तरह अचानक इन दौरान भिखारियों की भीड़ यहां बढ़ती है, वो हर किसी अचरज में डालने वाली होती है।
पिछले साल पकड़े गए थे 781 भिखारी
2015 में दुबई में 1405 एशियाई भिखारी पकड़े गए थे। वहीं पूरे संयुक्त अरब अमीरात में पिछले साल 781 भिखारियों को पकड़ा गया था, लेकिन बहुत से ऐसे भी होते हैं जो पकड़ में नहीं होते। एशियाई देशों की ट्रेवल कंपनियों रमजान के दिनों में बड़े पैमाने पर भिखारियों को खाड़ी देश भेजती हैं।
गैंग करता है ये काम
बताया जाता है कि एशियाई देशों में एक गैंग है, जो रमजान के पहले भिखारियों को खाड़ी के देशों में भेजने के लिए सक्रिय हो जाता है। इसका जाल काफी फैला हुआ है। ये काम आमतौर पर ट्रेवल कंपनियों से जुड़े लोग करते हैं, जो पहले से ही भिखारियों या इस काम के इच्छुक लोगों का वीजा तैयार कर लेते हैं। इसके बदले इन्हें कमीशन और कमाई गई रकम से हिस्सा देना होता है।
पुरुष ही नहीं महिला भिखारी भी
आमतौर पर जो भिखारी इन दिनों खाड़ी के देशों में आते हैं, वो यहां से लाखों की कमाई करके लौटते हैं। इसमें केवल पुरुष ही नहीं होते बल्कि महिलाएं भी होती हैं, कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं तो अपने छोटे बच्चों के साथ वहां जाना पसंद करती हैं, ताकि भीख देने वालों की ज्यादा सहानुभूति बटोर सकें बदले में ज्यादा पैसा हासिल करें।
एशियाई देशों में फैला है जाल
ऐसी ट्रेवल कंपनियां भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में ज्यादा व्यापक पैमाने पर काम करती हैं। दुबई पुलिस का कहना है कि उन्हें शक है कि इसके पीछे किसी रैकेट का हाथ है, जो खाड़ी के देशों में इन भिखारियों के रहने का इंतजाम भी करता है।
हालांकि अब दुबई की पुलिस इस पूरे मामले को जांचने जा रही है। वो उस ट्रेवल कंपनी पर मोटा हर्जाना लगाएगी, जो इन भिखारियों को हर साल रमजान के दिनों में दुबई, अबूधाबी या अमीरात के दूसरे शहरों में भेजने की योजना बनाती हैं और उन्हें क्रियान्वित करती हैं। ऐसी ट्रेवल कंपनियों को ब्लैक लिस्ट भी किया जाएगा।
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