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IPL: किसे मिलेगा फाइनल का टिकट…एक टीम युवा तो दूसरे के पास अनुभव का भंडार…आज करो या मरो का मुकाबला…

विशाखापत्तनम। आईपीएल के 12वें संस्करण अब अपनी अंतिम पड़ाव की ओर है। अब सिर्फ दो मुकाबले बाकी है। आज जो मुकाबले खेल जाएंगे उसमें एक टीम के पास अनुभव का भरमार है, वहीं दूसरी टीम काफी युवा है। इस प्रकार युवा जोश और अनुभव के बीच मुकाबला काफी दिलचश्प होगा।

दिल्ली कैपिटल्स की टीम शुक्रवार को क्वालिफायर-2 में तीन बार की चैम्पियन चेन्नई सुपर किंग्स से भिड़ेगी। विशाखापत्तनम के डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में यह मुकाबला शाम 7.30 बजे से खेला जाएगा। दिल्ली प्लेऑफ राउंड के एलिमिनेटर मुकाबले में सनराइजर्स हैदराबाद को मात देकर यहां तक पहुंची है।

महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई टीम को क्वालिफायर-1 में तीन बार की विजेता मुंबई इंडियंस ने मात दी थी और फाइनल में प्रवेश किया। उस हार से हालांकि चेन्नई बाहर नहीं हुई, उसे क्वालिफायर-2 में फाइनल में जाने का एक और मौका मिला है। चेन्नई के लिए हालांकि यह दूसरा क्वालिफायर कांटे भरे रास्ते से कम नहीं होगा क्योंकि दिल्ली की टीम इस समय शानदार फॉर्म में हैं और लगातार अपने खेल में सुधार कर रही है।

एलिमिनेटर मुकाबले में उसने हैदराबाद को जीत के करीब आने के बाद हार के लिए मजबूर कर दिया था। इसमें ऋषभ पंत की अहम भूमिका रही थी, जिन्होंने आखिरी ओवरों में महज 21 गेंदों में 49 रनों की पारी खेल टीम को जीत की राह पर डाल दी थी। इस जीत में एक और युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ की 56 रनों की पारी भी अहम रही।




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गेंदबाजी में दिल्ली के पास ट्रेंट बोल्ट और ईशांत शर्मा जैसे तेज गेंदबाज हैं। बोल्ट पिछले मैच में महंगे साबित हुए और 12.33 की औसत से रन लुटाए, लेकिन ईशांत ने किफायती गेंदबाजी की।

उन्होंने 4 ओवरों में 8.50 के इकोनॉमी रेट से सिर्फ 34 रन दिए और दो विकेट निकाले। दूसरी तरफ कीमो पॉल ने मौके का पूरा फायदा उठाया और तीन सफलताएं अर्जित कीं। स्पिन में अमित मिश्रा और अक्षर पटेल जैसे दो अनुभवी स्पिनर दिल्ली के पास हैं।



वहीं, अगर चेन्नई की बात की जाए तो उसकी समस्या पावरप्ले में तेजी से रन न बनाना है। टीम के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने भी पहले क्वालिफायर के बाद इस बात को कबूल किया था। धोनी और उनकी टीम के लिए यह एक चुनौती बन गई है।

इसका एक बड़ा कारण शेन वॉटसन का फॉर्म में न होना है। पिछले सीजन जब चेन्नई ने वापसी करते हुए खिताब जीता था तब वॉटसन ने कमाल की बल्लेबाजी की थी, लेकिन इस सीजन वह विफल रहे हैं। फाफ डु प्लेसिस का बल्ला चला है, लेकिन निरंतरता नहीं रही है।



सुरेश रैना के साथ भी यह दिक्कत है। चोटिल केदार जाधव के बाहर रहने से पूरा भार अब अंबति रायडू और कप्तान धोनी के कंधों पर आ गया है। गेंदबाजी में लेग स्पिनर इमरान ताहिर अच्छा कर रहे हैं।

ताहिर ने अब तक 23 विकेट चटकाए हैं और इस सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की सूची में दूसरे स्थान पर खड़े हैं। स्पिन में टीम के पास हरभजन सिंह और रवींद्र जडेजा के रूप में दो और अच्छे विकल्प हैं। तेज गेंदबाजी की बात की जाए तो धोनी को दीपक चाहर के ऊपर काफी भरोसा है।

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