असदुद्दीन ओवैसी का केंद्र सरकार से सवाल- जब 18 साल में सांसद चुन सकते हैं तो जीवन साथी क्यों नहीं?

नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मोदी सरकार (Modi Government) के महिलाओं की शादी की न्यूनतम उम्र (Woman Marriage age) को 18 साल से बढ़ाकर 21 करने के प्रस्ताव की कड़ी आलोचना की है. केंद्रीय कैबिनेट ने इस संबंध में बुधवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है. अब सरकार सरकार संसद के शीतकाली सत्र में इस पर जल्द ही विधेयक भी ला सकती है. ओवैसी ने कई ट्वीट्स करके अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार के इस फैसल पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए केंद्र सरकार से पूछा कि जिस 18 साल की उम्र में लड़की लड़का सांसद चुन सकते हैं उस उम्र में उन्हें शादी करने की भी अनुमति देनी चाहिए. उन्होंने अन्य सभी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए 18 साल की उम्र को वयस्क के रूप में माना जाता है फिर शादी के लिए क्यों नहीं?
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि सरकार को पहले ये बताना चाहिए कि 18 साल के बच्चों के ह्यूमन डेवलपमेंट के लिए कौन कौन से कदम उठाए गए. उन्होंने कहा कि 18 साल के बच्चों को सारे अधिकार दिए गए फिर शादी का अधिकार क्यों नहीं दिया जा रहा.
आप सरकार है न कि मोहल्ले के चाचा
उन्होंने ट्वीट करके कहा कि सरकार यौन संबंध और लिव इन पार्टनरशिक लिए सहमति दे सकती है, सरकार ने खुद इससे जुड़ा कानून बनाया है लेकिन जीवन साथी का चयन करने का अधिकार नहीं है. यह बेहद हास्यास्पद है. उन्होंने केंद्र पर तंज सकते हुए कहा कि आप एक सरकार है न किसी किसी मोहल्ले के चाचा. जो यह तय करते हैं कि कौन क्या खाता है, हम किससे शादी और कब करते हैं, हम किस भगवान की पूजा करते हैं.
कार्यबल में महिलाओं की घट रही भागेदारी
सासंद ओवैसी ने यह भी कहा कि इस कानून से कोई फायदा नहीं होगा और इससे न ही महिलाओं का कोई भला होगा. ओवैसी ने कहा कि बाल विवाह को रोकने के लिए शिक्षा और मानव विकास में सामाजिक सुधार और सरकारी पहल सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं बिंदु हैं. अगर पीएम मोदी ईमानदार होते, तो वह महिलाओं के लिए आर्थिक अवसरों को बढ़ाने की कोशिश करते.उन्होंने कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी लगातार तेजी से घट रही है.