लोकसभा चुनाव 2019 के तीसरे चरण के लिए आज पूरे देशभर में वोटिंग जारी है। इस बीच गुजरात के राजकोट जिले के राजसमढियाल गांव का नियम है कि किसी भी चुनाव में कोई भी नेता यहां प्रचार करने नहीं आ सकता।
हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि यहां लोग चुनाव का बहिष्कार करते हैं बल्कि लोगों का मानना है कि नेताओं के प्रचार के गांव का माहौल खराब होता है।
गांव के सरपंच अशोक भाई भी इसकी पुष्टि करते हैं और यही कारण है कि जहां देशभर में चुनावी रैलियां हो रही हैं, वहीं इस गांव में कोई चुनावी शोर सुनाई नहीं देता।
राजसमढियाल की इस अनोखी परंपरा की जानकारी देते हुए सरपंच अशोक भाई वाघेला बताते हैं कि जब हरदेव सिंह सरपंच बने तब से ही गांव में नेताओं के चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
दूसरी तरफ इस गांव की एक खास बात यह भी है कि यहां हर शख्स वोट डालने जाता है क्योंकि यह अनिवार्य है। जो भी 18 साल से ऊपर है उसे वोट डालना ही होता है।
अशोक भाई बताते हैं कि जो लोग वोट नहीं डालते उन पर 51 रुपयों का जुर्माना भी लगाया जाता है। वैसे हर बार कोशिश यही रहती है कि 100 प्रतिशत वोटिंग हो।
बता दें कि, यह बैन सिर्फ सरपंच ने नहीं लगाया बल्कि गांव वाले भी इसके समर्थन में हैं। इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि यहां लोगों का मानना है कि गांव में चुनाव प्रचार से यहां का माहौल खराब हो जाता है।
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