अमेठी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से अमेठी संसदीय सीट से भरे गए नामांकन पत्रों पर उनके नाम को लेकर आपत्ति जताए जाने के बाद अब बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी के नामांकन पर भी आपत्ति जताई गई है।
राहुल गांधी के नाम पर आपत्ति के बाद स्कूटनी अब 22 अप्रैल को होगी। वही स्मृति ईरानी के नामांकन पर निर्दल प्रत्याशी रोहित कुमार ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से निर्वाचन अधिकारी के समक्ष आपत्ति प्रस्तुत की है।
इस घटनाक्रम के बाद बीजेपी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा, साथ ही उनकी शैक्षणिक योग्यता और नागरिकता पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या वह कभी ब्रिटिश नागरिक थे और उन्होंने एक साल के अंतर में बीए और एमफिल की डिग्री कैसे हासिल कर ली।
अमेठी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिस में शनिवार को स्कूटनी की कार्रवाई शुरू होते ही राहुल गांधी का नाम पुकारा गया, जिसके बाद चार लोगों ने इस पर आपत्ति दर्ज करा दी। आपत्ति के बाद राहुल गांधी के वकील राहुल कौशिक ने इन आक्षेपों का खंडन करने के लिए समय मांगा, जिसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर ने स्कूटनी की तारीख आगे बढ़ाते हुए 22 अप्रैल कर दी।
रिटर्निंग ऑफिसर राम मनोहर मिश्रा ने इस संबंध में एक पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी। राहुल गांधी का नाम पुकारे जाने पर उनके नामांकन पत्रों पर एक के बाद एक क्रमश अफजाल, सुरेश चंद्र, ध्रुवलाल, सुरेश कुमार इन चार लोगों की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई। अब इन आपत्तियों पर सुनवाई सोमवार को होगी।
निर्दलीय उम्मीदवार के वकील ने कहा है कि जब 2004 में स्मृति ईरानी ने चांदनी चौक से चुनाव लड़ा तो अपने हलफनामे में सिर्फ और सिर्फ बैचलर ऑफ आर्ट्स 1996 में खत्म कर चुकी हूं लिखा, और उन्होंने किसी और डिग्री के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी।
राहुल गांधी के खिलाफ 2014 में अमेठी से चुनाव लडऩे के दौरान दिया गया हलफनामा 2019 के हलफनामे से अलग था। चंदानी ने स्मृति ईरानी के हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए निर्वाचन अधिकारी से शिकायत करते हुए मांग की कि उनका नामांकन रद्द किया जाए।
बीजेपी ने उठाए सवाल
राहुल गांधी के नाम और उनकी शैक्षणिक योग्यता पर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाया, साथ ही आरोप भी लगाया कि राहुल ने हर चुनाव में सर्टिफिकेट बदले हैं।
बीजेपी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि आज पूरा देश उस समय स्तब्ध रह गया जब अमेठी में राहुल गांधी के नामांकन की प्रक्रिया शुरू की गई और उनका नाम पुकारे जाने पर कुछ लोगों की आपत्ति किए जाने के बाद राहुल और उनके वकील राहुल कौशिक स्पष्टीकरण देने के लिए तैयार नहीं थे।
बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी की नागरिकता पर यह चौंकाने वाली घटना है। उनसे यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि क्या वह कभी ब्रिटिश नागरिक थे। 2004 के हलफनामा में राहुल गांधी ने कहा था कि उन्होंने इंग्लैंड की कंपनी में निवेश नहीं किया था, जबकि 2005 में कंपनी (बैकऑप्स लिमिटेड) के दस्तावेजों के अनुसार राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताया गया है।
क्या यह भारतीय नागरिकता कानून का उल्लंघन नहीं है। अगर कोई दूसरे देश का नागरिकता लेता है तो उसकी भारतीय नागरिकता चली जाती है।
शैक्षणिक योग्यता पर भी सवाल
जीवीएल नरसिम्हा राव ने राहुल की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी शिक्षा पर कुछ संदेह के बादल मंडरा रहे हैं। 2004 में उन्हें सीनियर सेकेंडरी स्कूल का प्रमाणपत्र मिला और इसके बाद उन्होंने कैंब्रिज से एमफिल की डिग्री हासिल कर ली, जबकि इस बीच उन्होंने कुछ नहीं किया।
2009 में उन्होंने अपनी नई डिग्री फ्लोरिडा से रोलिंग्स कॉलेज से बीए की डिग्री दिखाई। तब डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स से एमफिल किया। 2014 में एमफिल की डिग्री डेवलपमेंट स्टडीज हो गई। उन्होंने कहा कि 2019 में राहुल ने बताया कि उन्होंने 1994 में बीए किया और 1995 में एमफिल. अब कौन सी ऐसी यूनिवर्सिटी है जिसने बैचलर डिग्री हासिल करने के एक साल बाद ही एफफिल की डिग्री दे दी।
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