नई दिल्ली। कांग्रेस की तेज-तर्रार प्रवक्ताओं में शुमार प्रियंका चतुर्वेदी शुक्रवार को कांग्रेस से इस्तीफा देकर शिवसेना में शामिल हो गई। शिवसेना में शामिल होने से पहले उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को एक भावुक पत्र लिखा है। प्रियंका ने कहा है कि कांग्रेस महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और मर्यादा की बात करती है, लेकिन पार्टी के कई नेताओं के व्यवहार में ऐसा नहीं दिखता है।
प्रियंका ने लिखा है कि जिन लोगों ने मेरे खिलाफ अभद्रता की उन्हें फिर से पार्टी में शामिल कर लिया गया, तर्क दिया गया कि चुनाव में सभी की जरूरत है. उसी दिन मैंने तय कर लिया कि इस अपमान के बाद मुझे इस पार्टी से जाना चाहिए।
राहुल गांधी को लिखे पत्र में प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा, मैं ये इस्तीफा बेहद दुखी होकर लिख रही हूं, मैंने 10 साल पहले यूथ कांग्रेस मुंबई में ज्वाइन की थी, क्योंकि मैं पार्टी की विचारधारा, और आपके समावेशी, प्रगतिशील और उदार राजनीति में विश्वास करती थी। प्रियंका चतुर्वेदी ने आगे लिखा, इन 10 सालों में पार्टी ने मुझे कई प्लेटफॉर्म दिए, जहां से मैं पार्टी की विचारधारा को आगे लेकर गई।
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि पार्टी जब अपने सबसे निचले स्तर पर चली गई थी तो उन्होंने पूरी निष्ठा , समपर्ण और भावना के साथ कई प्लेटफॉर्म पर पार्टी का पक्ष रखा. प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा, मुझे आपको याद दिलाने की जरूरत नहीं है कि पार्टी की सेवा करते वक्त मुझे कितनी निजी धमकियां मिली, मुझे बदनाम करने की कोशिश की गई, मुझे गालियां मिली, इतना ही नहीं मेरे परिवार के सदस्यों को जिसमें मेरे बच्चे भी शामिल हैं उन्हें भी ये सब झेलना पड़ा।
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि उन्होंने इसके एवज में कभी पार्टी से पुरस्कार या प्रतिफल की अपेक्षा नहीं की। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी उनकी उम्मीदों का सम्मान करेगी।
प्रियंका आगे लिखती हैं, पिछले कुछ सप्ताह में कुछ चीजें हुई, जिससे मुझे लग गया कि मेरी सेवाओं का पार्टी में महत्व नहीं रह गया है, और मैं ऐसी जगह पहुंच गई जहां से वापस नहीं आया जा सकता. साथ-साथ मुझे ये भी एहसास हो रहा है कि मैं जितना ज्यादा वक्त मैं कांग्रेस को दूंगी वो मेरी खुद की प्रतिष्ठा और मर्यादा की कीमत पर होगा।
प्रियंका ने राहुल को लिखा, जिन चीजों से मुझे निराशा हो रही है वो ये है कि जहां पार्टी द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण की बात की जाती है, आप भी इनके हक में बात करते हैं, लेकिन यही चीज पार्टी के कुछ नेताओं के व्यवहार में नहीं दिखती है।
जब मैं पार्टी के लिए आधिकारिक दौरे पर थी तभी मेरे साथ एक गंभीर, घटना हुई, लेकिन पार्टी ने इसे नजरअंदाज कर दिया. इस घटना के बाद मुझे यकीन हो गया कि अब मेरे लिए आगे बढऩे का वक्त हो गया और मुझे कांग्रेस से बाहर फोकस करना चाहिए।
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