रायपुर। छत्तीसगढ़ की धरती से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर से झूठ बोल गये। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि मोदी ने अपने भाषण में भाजपा की सामाजिक विद्वेष फैलाने के संस्कारों का परिचय भी दिया। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि प्रधानमंत्री जैसे पद पर बैठा हुये व्यक्ति के द्वारा जातिवादी नफरत फैलाने की निकृष्टतम कोशिश की गयी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भूल गये छत्तीसगढ़ आपसी भाईचारे का गढ़ है, छत्तीसगढ़ में न जातिवाद है और न जातियों के आधार पर वोट डाले जाते है। छत्तीसगढ़ की जनता ने जातिवादी ताकतों का हमेशा तिरस्कार किया है।
छत्तीसगढ़वासियों की समरसता की भावना नफरत की राजनीति कर अपनी पहचान बनाने वाले नरेन्द्र मोदी नहीं समझ सकते। 2002 के गुजरात के दंगे और 2014 में उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिकता धर्म की राजनीति को आधार बनाने वालों ने छत्तीसगढ़ की सामाजिक समरसता पर प्रहार करने की कोशिश की। चुनाव आते जाते रहते है।
चुनाव में हार जीत भी मायने नहीं रखती देश और प्रदेश की एकता अक्षुणता और समरसता बरकरार रखना सबसे महत्वपूर्ण है। मोदी भूल गये कि साहू समाज छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण समाजों में से एक है। साहू समाज की सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठ भूमि में आपसी स्नेह और परस्पर सहयोग महत्वपूर्ण है।
चौकीदार ने यदि चोरी किया है तो यह उसकी अपना कर्म है, इसमें जाति और धर्म का क्या संबंध। चोर की कोई जाति नहीं होती नही चोर का कोई धर्म होता है चोर तो सिर्फ दूसरों की संपत्ति हथियाने में नजर रखता है।
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