नवागढ़। बेमेतरा जिला में दलालों द्वारा किसानों के नाम से फर्जी ऋण पुस्तिका तैयार कर करोड़ों का लोन लेेने का मामला सामने आया है। दलालों ने एक दो नहीं बल्कि 500 से अधिक किसानों को चुना लगाया है।
नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम सोनिकपरा, मारो, चक्रवाय सहित आसपास के लगभग 500 किसानों के नाम पर केसीसी व अन्य लोन बैंक ऑफ महाराष्ट्र ब्रांच लेवई भाटापारा से दलालों लगभग 6 करोड़ का ऋण निकाल लिए।
बैंक प्रबंधन इस कर्जे को कर्ज माफी में समायोजित कर मामले को रफा-दफा करने में जुटा है। इधर मामले की भनक लगते ही सरपंच चक्रवाय ने जांच के लिए कलेक्टर एवं बैंक प्रबंधन को पत्र लिखा है।
बेमेतरा जिले के लगभग 540 किसानों को कर्ज दिया गया।
इसमें जिन किसानों के पास एक एकड़ जमीन है, उन्हें दस एकड़ का मालिक बताया गया। दर्जनों ऐसे हैं, जो भूमिहीन है, लेकिन उनके नाम पर फर्जी ऋण पुस्तिका बन गई। एक गिरोह ने राजस्व विभाग से मिलीभगत किया या स्वयं रिकॉर्ड तैयार किया कि वे नकल खसरा बी वन ऋण पुस्तिका तैयार किया। पटवारी, तहसीलदार के हस्ताक्षर किए व बैंक में जमा कर मोटी रकम निकाल ली।
बेमेतरा जिला बनने के बाद जिला मुख्यालय में दर्जनभर से अधिक राष्ट्रीयकृत बैंक की ब्रांच खुली। सभी ने कार्य विस्तार की योजना को अंजाम दिया, जिन बैंको में दलाल घुसे वहां क्या हुआ, सर्वविदित है। नए के फेर में पुराने बैंक भी आए। सम्बलपुर, दाढ़ी, छिरहा जैसे छोटी ब्रांच में फर्जी ऋण के मामले सामने आए हैं।
जानकारों की माने तो कर्ज व जमीन का रिकॉर्ड मिलान हो तो 50 करोड़ से अधिक का फर्जी ऋण इस जिले में कम से कम निकलना तय है।
इस संबंध में बैंक ऑफ महाराष्ट्र ब्रांच लेवई भाटापारा के ब्रांच मैनेजर अनुग्रह एक्का ने कहा कि चक्रवाय सहित आसपास से कुछ किसान शिकायत करने आए थे। हमारी ब्रांच से बेमेतरा जिले के लगभग 500 किसानों को ऋण दिया गया है। प्रकरण मेरे आने के पहले का है। गंभीरता को देखते हुए उच्च कार्यालय को इसकी सूचना दी गई है।
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