दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हनीट्रैप में फंसाकर दिल्ली के नौ प्रतिष्ठित लोगों से करोड़ों रुपये ऐंठने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गुरुवार को नेहरू प्लेस से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के खिलाफ पुलिस को अब तक नौ लोगों ने शिकायत दी है। यह संख्या बढ़ने की संभावना है। पुलिस वारदात में शामिल फरार युवती की तलाश कर रही है।
पुलिस के अनुसार, दक्षिण दिल्ली के प्रतिष्ठित डॉक्टर ने बीते अक्तूबर में जामिया नगर थाने में शिकायत दी थी। पीड़ित डॉक्टर दक्षिण दिल्ली के कई अस्पतालों में काम करते हैं। इसके अलावा चैरिटेबल अस्पताल में भी अपनी सेवाएं देते हैं।
चैरिटेबल अस्पताल में अक्तूबर में एक युवती मरीज बनकर आई। युवती ने बताया कि वह खाड़ी देश की रहने वाली है। इसके बाद वह कई बार अपनी स्वास्थ्य समस्या को लेकर डॉक्टर के पास आई। धीरे-धीरे दोनों में जान पहचान हो गई।
बीते अक्तूबर माह में युवती ने तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर डॉक्टर को अपने किराए के मकान पर बुला लिया। वहां युवती ने जूस में नशीला पदार्थ मिलाकर डॉक्टर को पिला दिया। बेहोश होने पर युवती ने डॉक्टर के साथ आपत्तिजनक अवस्था में वीडियो बना लिया।
इसके दो दिन बाद नूर मोहम्मद और महेंद्र ने पीड़ित डॉक्टर को फोन कर वीडियो बनाने की जानकारी दी। साथ ही बीस लाख रुपये भी मांगे और नहीं देने पर वीडियो को वायरल करने की धमकी भी दी।
मामले की जांच के लिए स्पेशल सेल के एसीपी अतर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह की टीम गठित की गई। पुलिस ने आरोपियों पर 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया था। जांच में मालूम हुआ कि 11 अप्रैल को नूर मोहम्मद नेहरु प्लेस इलाके में आने वाला है। इस सूचना पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। फिर अगले दिन महेंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
डेबिट कार्ड से रकम निकाली
गिरोह के लोग शिकार से रकम की बजाय उसके डेबिट कार्ड लेते थे। ये शिकार को शौचालय जैसे सार्वजनिक स्थल पर तीन से चार डेबिट कार्ड रखने को कहते थे। फिर ये चार-पांच दिन तक रुपये निकालते रहते थे और फिर कार्ड वापस कर देते थे।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक नौ लोगों ने शिकायत दी है। इन्होंने पीड़ितों से एक करोड़ रुपये से अधिक की रकम इन्होंने वसूली है। इनके शिकार व्यापारी, होटल मालिक, आर्किटेक्ट, बिल्डर, डॉक्टर, इंजीनियर और एसी शोरूम के दो मालिक भी हैं।
सेटटॉप बॉक्स में कैमरा
गिरोह के सदस्यों ने टीवी के सेटटॉप बॉक्स में कैमरा लगा रखा था। यह कैमरा इस तरह से लगाया गया था कि युवती का सिर्फ पीठ का हिस्सा नजर आता था। साथ ही शिकार को भी मालूम नहीं होता था कि उसका वीडियो बनाया जा रहा है।
एक साल से थे सक्रिय
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे एक साल से हनीट्रैप के धंधे में सक्रिय थे। गिरोह का सरगना जहांगीर नाम का व्यक्ति है, जो फिलहाल फरार है। गिरोह में एक युवती सहित पांच लोग शामिल थे, जिसमें से तीन फरार हैं।
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