नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के पेंशन में भारी बढ़त का रास्ता साफ कर दिया है। इससे निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के पेंशन में कई गुना बढ़ोतरी हो जाएगी। कोर्ट ने इस मामले में ईपीएफओ की याचिका को खारिज करते हुए केरल हाई कोर्ट फैसले को बरकरार रखा है।
केरल हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को उनकी पूरी सैलरी के हिसाब से पेंशन देने का आदेश दिया गया था। फिलहाल ईपीएफओ द्वारा 15 हजार रुपये के बेसिक वेतन की सीमा के आधार पर पेंशन की गणना की जाती है।
उल्लेखनीय है कि कर्मचारियों के बेसिक वेतन का 12 फीसदी हिस्सा पीएफ में जाता है और 12 फीसदी उसके नाम से नियोक्ता जमा करता है। कंपनी की 12 फीसदी हिस्सेदारी में 8.33 फीसदा हिस्सा पेंशन फंड में जाता है और बाकी 3.66 पीएफ में। सुप्रीम कोर्ट ने अब यह रास्ता साफ कर दिया है कि निजी कर्मचारियों के पेंशन की गणना पूरे वेतन के आधार पर हो। इससे कर्मचारियों की पेंशन कई गुना बढ़ जाएगी।
भारत सरकार का कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ही सभी कर्मचारियों के ईपीएफ और पेंशन खाते को मैनेज करता है। हर ऐसा संस्थान जहां पर 20 या इससे ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, उसे श्वक्कस्न में हिस्सा लेना होता है। ईपीएस इस योजना के साथ जुड़कर चलती है इसलिए ईपीएफ स्कीम का मेंबर बनने वाला हर शख्स पेंशन स्कीम का मेंबर अपने आप बन जाता है।
कितनी होगी पेंशन में बढ़त
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के पेंशन में कितनी बढ़ोतरी होगी। इसे तरह से समझा जा सकता है…
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