
दुर्ग। प्रदेश में अब रेत ऑनलाइन बुकिंग से मिलेगी। इसके लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। इससे रेत की किल्लत और अनाप-शनाप कीमतों से लोगों को छुटकारा मिलेगा। इसके तहत खदान क्षेत्रों को चिन्हित कर सीएमडीसी को दिया जाएगा। सीएमडीसी इन खदानों से रेत निकालने से लेकर सप्लाई तक पूरा काम संभालेगी।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने रेत खदानों का संचालन छत्तीसगढ़ मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के माध्यम से कराने का निर्णय लिया है। अधिकारियों का कहना है कि इस व्यवस्था से रेत की किल्लत और अनाप-शनाप कीमतों की परेशानी से छुटकारा मिलेगा।
अवैध खनन व परिवहन पर भी रोक लगेगी। तेलंगाना और मेघालय में यह व्यवस्था पहले से लागू है। सीएमडीसी खनिज विभाग के निगरानी में काम करेगी। नई व्यवस्था के तहत रेत की बिक्री केवल ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।
खदानों का संचालन ऑनलाइन बुकिंग से लेकर सप्लाई का सिस्टम तेलंगाना वह मेघालय की तर्ज पर होगा। खनिज विभाग के अफसरों के मुताबिक प्रदेश के आला अफसर इन दोनों राज्यों से सिस्टम का अध्ययन कर लौट चुके हैं और इसी के अनुरूप प्लान को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
खनिज विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नई व्यवस्था में कीमत में एकरूपता पर भी फोकस किया जाएगा। इसके लिए सभी जिले से रेत की कीमत का प्रस्ताव मंगाया गया है। जिले व राज्य स्तर पर समन्वय कर रेत की कीमत तय की जाएगी। इसी तरह दूरी के हिसाब से परिवहन का दर भी तय होगा।
जिले में शिवनाथ पर 72 घाट है। जहां से रेत निकासी होती है। इन घाटों पर खनिज विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों को रेत निकालने की अनुमति दी जाती है। इस बार एजेंसी से खनन के फैसले के चलते अब तक किसी भी पंचायत को रेत निकालने की अनुमति नहीं दी गई है।
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