जशपुरनगर। बगीचा थाना क्षेत्र के ग्राम छिरोडीह निवासी सुनीता तिर्की गाज की चपेट में आने से झुलस गई। घायल महिला को अस्पताल तक ले जाने ग्रामीणों को घंटों मशक्कत करनी पड़ी। ग्रामीणों को महिला की जान बचाने के लिए तकरीबन तीन किलोमीटर खाट के सहारे कांधे में लाद कर लाना पड़ा।
बगीचा थाना क्षेत्र के ग्राम छिरोडीह निवासी सुनीता तिर्की रविवार को मवेशी चराने गई। इस दौरान अचानक मौसम ने अपना मिजाज बदला और तेज हवा और गरज के साथ बूंदा बांदी होने लगी। इससे बचने के लिए सुनीता पास में स्थित एक पेड़ के नीचे खड़ी हो गई। इस बीच तेज गर्जना के साथ पेड़ पर गाज गिरा। गाज की चपेट में आने सुनीता बुरी तरह से झुलस गई।
इसकी खबर लगते ही ग्रामीण महिला को अस्पताल ले जाने तैयारी करने लगे। ग्रामीण संजीवनी एंबुलेंस को फोन लगाया। एंबुलेंस आई तो लेकिन गांव तक नहीं पहुंच पाई। गांव तक सड़क नहीं बन पाया है। एंबुलेंस गांव से तीन किलोमीटर दूर ही थम गया।
इसके बाद ग्रामीण सरपंच और पंच की सहायता से घायल महिला को एक खाट में लिटा कर कंधे में लाद तीन किलोमीटर की सफर तय की। इसके बाद संजीवनी एंबुलेंस की सहायता से उसे शंकरगढ़ के स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सड़क ना होने की वजह से अक्सर इस तरह की कठिन परिस्थितियों से उन्हें जुझना पड़ता है। बारिश के दिनों में स्थिति और भी खराब हो जाती है। तीन-चार माह यह गांव टापू की तरह बन जाता है।
यहां राशन सहित आवश्यक सामान जुटाना भी मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस संबंध कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया है। लेकिन सड़क निर्माण के लिए अब तक कोई पहल नहीं हो सकी है।
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