रायपुर। दाऊ कल्याण सिंह (डीकेएस) सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में हर माह सिर्फ आउटसोर्सिंग में 4.50 करोड़ रुपये खर्च हो रहे थे। इसे कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। पूर्व अधीक्षक डॉ. पुनीत गुप्ता द्वारा सुरक्षा व्यवस्था में काफी खर्च किया जा रहा था। 170 सुरक्षा कर्मी ही तैनात थे। जिसे कम करने का निर्णय लिया गया है। अब अस्पताल में मात्र 100 गार्ड ही तैनात रहेंगे।
पूर्व अधीक्षक डॉ. पुनीत गुप्ता के कार्यकाल को दौरान सुरक्षा व्यवस्था इतनी तगड़ी थी कि उनकी इजाजत के बगैर कोई उन तक पहुंचना तो दूर, डीकेएस में घुस भी नहीं सकता था। सुरक्षा व्यवस्था मेन गेट से ही इतनी टाइट थी कि सुरक्षा गार्ड आइडी कार्ड मांगते थे। बायरलेस के जरिए डॉ. गुप्ता तक सूचना पहुंचाई जाती थी और जब वे ओके कहते थे तो गार्ड संबंधित व्यक्ति को उन तक मिलवाने ले जाता था।
अब गैरजरूरी सुरक्षाकर्मियों को हटाने के आदेश दे दिए गए हैं। 170 सुरक्षा कर्मी की जगह 100 ही तैनात होंगे। इसके अलावा सफाई कर्मी, ऑफिस बॉयज भी कम किए जाएंगे। डीकेएस प्रबंधन 4.50 करोड़ के आउटसोर्सिंग बजट को करीब दो करोड़ तक समेटना चाहता है।
डॉ. गुप्ता के केबिन के बाहर दो सुरक्षा गार्ड, एक ऑफिस बॉय हमेशा तैनात रहते थे। उनके केबिन के दरवाजे पर एक सिक्योरिटी गैजेट लगा हुआ था, जिसमें कोड इंटर करने पर ही यह गेट खुलता था।
कोड डॉ. गुप्ता ही इंटर करते थे या फिर उनका ऑफिस बॉय। गेट पर कैमरे लगे थे, डॉ. गुप्ता अपने केबिन में बैठे-बैठे आने-जाने वालों पर नजर रखते थे। जिससे मिलना होता था, उसे ही अंदर आने की अनुमति मिलती थी। अब यह सब गैजेट हटाए जाएंगे।
दूसरी तरफ डॉ. गुप्ता रविवार तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहे। वे कहां हैं, पुलिस को जानकारी नहीं है। पुलिस उनके ठिकानों पर नजर रखे हुए हैं। फोन कॉल ट्रेस कर रही है। रिश्तेदारों, परिजनों से जानकारी जुटा रही है। फाइलों को भी बारीकी से विशेषज्ञों की मदद से पढ़ा और समझा जा रहा है कि क्या खामियां हैं? पुलिस सूत्रों की मानें तो डॉ. गुप्ता के विरुद्ध जल्द ही लुकआउट नोटिस जारी होने जा रहा है।
अगले दो दिन लगातार बैठकें-
सूत्रों के मुताबिक सोमवार को स्वास्थ्य सचिव निहारिक बारिक ने छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) के अफसरों को तलब किया है। डीकेएस में हुई संपूर्ण खरीदी को लेकर चर्चा होनी है। सभी फाइलें तलब की गई हैं। मंगलवार को डीकेएस प्रबंधन के साथ सचिव बैठक लेंगी, जिसमें अस्पताल के संचालन में आ रही आर्थिक परेशानियों पर चर्चा होगी। इन सभी के एजेंड़े तैयार किए जा चुके हैं।
आउटसोर्सिंग की व्यवस्था ने तोड़ दी प्रबंधन की कमर-
- फॉर्मेसी- 2 करोड़ रुपये
- पैथोलॉजी- 80 लाख रुपये
- डाइट (मरीजों का खाना)- 30 लाख रुपये
- सिक्योरिटी- 30 लाख से अधिक
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