देशभर के लगभग 50 प्रतिशत एटीएम यानी 1 लाख 13 हजार एटीएम 31 मार्च तक बंद हो जाएंगे। इसके पीछे वैसे तो कई कारण हैं, लेकिन नोटबंदी के बाद नोटों को लेकर जो बदलाव एटीएम के कैसेट में करने पड़ रहे है, वो मुख्य वजह बताई जा रही है। इसकी जानकारी कॉन्फिड्रेशन ऑफ एटीएम एंडस्ट्री ने अपनी रिपोर्ट में दी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय देश में करीब 2,38,000 एटीएम संचालित हो रहे हैं जिनमें से 1,13,000 एटीएम इस महीने के आखिरी तक बंद हो सकते हैं। इसके पीछे के कारण की बात करें तो रिपोर्ट में कहा गया है कि एटीएम के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड के नए मानकों के कारण एटीएम को बंद किया जा सकता है। दूसरे शब्दों कहें तो एटीएम का संचालन एजेंसियों के लिए मुश्किल हो रहा है।
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद से करीब सभी एटीएम को अपडेट करना पड़ा था, क्योंकि 2000 रुपये से लेकर 100 रुपये तक के सभी नोटों की अलग-अलग साइज है। ऐसे में एटीएम को भी नोट की साइज के हिसाब से बदलना पड़ रहा है।
ऐसे में नोट रखने वाले खाचों (कैसेट) को बदला जा रहा है जिस पर करीब 3,000 करोड़ रुपये तक का खर्च आ रहा है जो कि बैंक्स देने को तैयार नहीं हैं और इसके लिए अलग से कोई फंड नहीं है। ऐसे में एटीएम को बंद करना ही विकल्प बचा है।
इसका दूसरा रास्ता यह है कि यदि बैंक्स एटीएम संचालन की जिम्मेदारी ले लेते हैं तो यह काम आसान हो जाएगा। बता दें कि एटीएम का रखरखाव और संचालन अन्य एजेंसियां करती हैं और इसके लिए एटीएम संचालक कंपनियों को कोई अतिरिक्त खर्च नहीं मिलता।
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