
रायपुर। आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पहली बार छत्तीसगढिय़ो की सरकार बनी है। वैसे ही आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिये शुद्ध आदिवासियों की प्राधिकरण बनाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली सरकार ने बस्तर, सरगुजा और मध्यक्षेत्र विकास प्राधिकरण में आदिवासी अध्यक्षों की नियुक्ति कर आदिवासियों की मांग को पूरा किया।
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान 15 साल तक इन आदिवासी प्रधिकरण की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री खुद रखते थे और आदिवासी मांग करते थे आदिवासियो की विकास के लिए बनाए गए प्राधिकरण की जिम्मेदारी आदिवासी को दिया जाये।
लेकिन भाजपा ने आदिवासियों की मांग को अनसुना किया था। जंगलों में रहने वालों की बेदखली के फैसले से उत्पन्न स्थिति के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा की गयी पहल के परिणामस्वरूप 11 लाख 80 हजार आदिवासी परिवारों को घर-द्वार खेत खलिहान से बेदखली के संकट से राहत मिला है।
आदिवासी समाज लोकसभा चुनाव में सभी 11 सीटों में कांग्रेस का परचम लहरायेगी और आदिवासी विरोधी भाजपा को छत्तीसगढ़ राज्य से खदेड़ेगी। प्रदेश की सत्ता बदलने में आदिवासी समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
प्रदेश बदलने के बाद देश में बदलाव लाने में भी आदिवासी समाज बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। आगे भगत ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा वन अधिकार पट्टा के मामले में सभी कांग्रेस मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखने के बाद ही का परिणाम है कि जंगलों में परंपरागत रूप से रहने वालो का पक्ष न्यायालय से रखा जा सका।
आदिवासियों से जुड़े वन अधिकारी के संवेदनशील मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही आदेश पर स्टे स्थगन आदेश दिया है। पूर्व की रमन सरकार की मनमानी के कारण बड़े पैमाने पर दावे निरस्त हुए और जो कानून पट्टे देने के लिए बनाया गया था उसी कानून का दुरूपयोग आदिवासी विरोधी चरित्र वाली पूर्व की रमन सिंह सरकार ने जंगल में रहने वालों को पट्टों से वंचित करने के लिए किया
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