
कवर्धा के लोहारा नाका चौक स्थित विंध्यवासिनी मंदिर के करीब इदुलफितर और नवरात्री को लेकर दो समुदायों द्वारा झंडा और लाइटिंग की जा रही थी। जिसमे हिन्दू धर्म के प्रतीक भगवा झंडा को बिजली के खंबे से उतारकर फेंकने और जलाने की आवाजों के कारण माहौल गरमा गया और दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई। इसके आलावा भीड़ ने पत्थरबाजी भी की है। वहीं समुदाय विशेष ने कुछ दुकानों में तोड़फोड़ भी की है। इस घटना में दोनों पक्ष के लोग घायल भी हुए है। इस घटना के बाद माहौल तनावपूर्ण है और कवर्धा में धारा 144 लगा दी गई है।
इस घटना के बाद विंध्यवासिनी मंदिर के सामने से हिन्दू संगठन की भीड़ को हटाने पुलिस ने हल्का लाठी चार्ज भी किया। इसे लेकर हिन्दू संगठन में नाराजगी भी है। इस मामले में जब पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग से चर्चा की गई तो उन्होंने इस मामले को लेकर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक वे मामले को समझ नहीं लेते, तब तक वे कुछ नहीं कहेंगे।
इस घटना को लेकर मीडिया से चर्चा करते हुए कलेक्टर रमेश शर्मा ने बताया कि झंडे को लेकर दो समुदायों में विवाद हुआ था, जिसमे एक बार बैठाकर उन्हें समझाया गया था। समझौते के बावजूद दुबारा इस प्रकार की घटना हुई है, जो बेहद गंभीर है। इस घटना को देखते हुए धारा 144 लागू की गई है। झगड़ा मूलतः झंडे को लेकर है। ज्ञातव्य हो की पूर्व में भी कवर्धा के एकता चौक आजाद चौक में झंडे को लेकर विवाद हो चुका है। उस समय भी धरा 144 लगाई गई थी।