रायपुर। छत्तीसगढ़ में मौजूदा सांसदों की टिकट कटने का सिलसिला शुरू हो गया है। भाजपा की गुरुवार रात घोषित हुई 184 प्रत्याशियों की सूची में छत्तीसगढ़ के भी पांच प्रत्याशियों के नाम हैं। इस सूची में मौजूदा सांसदों को दरकिनार कर नई प्रत्याशियों को शामिल किया गया है। वैसे भाजपा सांसदों की टिकट कटने को लेकर फिलहाल किसी प्रकार की बगावती सुर तो सुनाई नहीं दे रहे हैं, लेकिन फेसबुक पर इसे लेकर काफी कुछ नाराजगी सामने आ रही है।
इसी कड़ी में जांजगीर लोकसभा से मौजूदा सांसद कमला पाटले का टिकट काटकर यहां से भाजपा ने गुहाराम अजगले को टिकट दिया है। दरअसल, गुहाराम अजगले रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के निवासी हैं। वैसे गुहाराम के राजनीतिक कैरियर पर नजर डालें तो वे 2004 से सारंगढ़ लोकसभा से सांसद निर्वाचित हुए थे।
इसके बाद 2009 में उनकी टिकट काटकर कमला पाटले को टिकट दी गई थी। इस सीट पर कमला पाटले 10 साल तक यानी 2 बार सांसद बनी। लेकिन इस बार उनकी टिकट काटकर गुहाराम अजगले को प्रत्याशी बनाया गया है।
अब अजगले को प्रत्याशी बनाते ही उनके स्थानीय होने पर सवाल उठने लगे हैं। इसे सवाल खुद कमला पाटले के बेटे प्रदीप पाटले ने लगाया है। उन्होंने अपने फेसबुक पर लिखा है कि क्या बीजेपी को जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र से स्थानीय प्रत्याशी नहीं मिला।
उन्होंने आगे लिखा है-
विधानसभा में हार का टिकरा सभी 10 सांसदों पर फूटा-
लेकिन जिनके ऊपर उक्त चुनाव की जवाबदारी थी, पूरे प्रदेश के प्रभार में थे, उनकी उपाधि नवाजीं गईं और लोकसभा भी उन्हीं के हाथ में दे दिया गया।
अब सांसद बेटे के इस फेसबुक पोस्ट से राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है।
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