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नेता नहीं कर पाएंगे वकालत, सभी पार्टि के नेताओं को समिति ने जारी किया नोटिस

दिल्ली। जिनके हाथ में कानून बनाने की बागडोर है वे नेता क्या वकालत कर सकते हैं इस पर बार काउंसिल द्वारा गणित विशेषज्ञों की समिति फैसला करेगी। समिति ने पांच सौ ज्यादा एमपी और एमएलए और एमएलसी को नोटिस भेजा है। नेताओं को इसका जबाव एक हफ्ते के भीतर देना होगा। नोटिस के संबंध में सुनवाई 22 दिसंबर को होगी।
विशेषज्ञ समिति के चेयरमेन और वकील मनन कुमार मिश्रा ने कहा है कि इन नेताओं को इसलिए नोटिस भेजा जाएगा, ताकि अगर बार काउंसिल ऑफ इंडिया इनकी मान्यता रद्द करता है तो बाद में वो ये ना कह सके कि न्यायिक व्यवस्था का उल्लंघन किया गया है। कमेटी के मुताबिक नेताओं का वकालत करना कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट (एक ऐसी स्थिति जिसमें सरकारी अधिकारी का निर्णय उसकी व्यक्तिगत रुचि से प्रभावित हो) का मामला है। कमेटी के मुताबिक सांसद और विधायक का वकालत करना भारतीय संविधान के आर्टिकल 14 और 15 का उल्लंघन है। 21 दिसंबर को बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। सांसदो और विधायकों के वकालत पर रोक लगाने के लिए बीजेपी के नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्यय ने याचिका दायर की है।

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