आप प्रकृति के नियमों को नहीं बदल सकते हैं. समय के साथ आपकी उम्र भी बढ़ती है. लेकिन बढ़ती उम्र परेशानी का सबब तब बन जाती है जब वक्त से पहले इसका असर शरीर पर दिखाई देने लगता है.
गलत खान-पान और लाइफ स्टाइल के चलते आज देखा जा रहा है कि लोग कम उम्र में ही ऐसी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं जो बुढ़ापे में दस्तक देती हैं.
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि ऐसे लोगों की संख्या बाकी देशों की तुलना में भारत में सबसे ज्यादा है.यहां लोग अपनी खराब दिनचर्या और आदतों की वजह से शरीर से जल्दी बूढ़ें हो रहे हैं. ऐसा ही कुछ कहना है हाल ही में हुई इस स्टडी का.
द लैंसेट पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित इस स्टडी के मुताबिक भारत में जापान और स्विट्जरलैंड की तुलना में लोगों में बुढापे के लक्षण जल्दी देखे जा सकते हैं. भारत में 60 साल से कम आयु वाले लोगों को उन समस्याओं से जूझना पड़ रहा है जो जापान में लोगों को 70 या 75 साल की उम्र में होती हैं.
बता दें, इस तरह की स्टडी पहली बार की गई है. इस स्टडी में सभी पहलुओं पर खासा ध्यान दिया गया है. इस रिसर्च को करते समय ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज से कुछ आंकड़े लिए गए. इसके अलावा DALYs के माध्यम से बढ़ती उम्र में होने वाली उन सभी 92 बीमारियों पर भी संज्ञान लिया गया.
काफी अध्यन के बाद स्टडी के मुख्य शोधकर्ता अनजेला वाई चैंग ने बताया कि लंबा जीवन एक इंसान के लिए अच्छा भी हो सकता है लेकिन कई बार यह आपके लिए परेशानी का सबक भी बन जाता है. अगर आप स्वस्थ हैं तो लंबा जीवन आपके लिए वरदान होगा लेकिन अगर आप कई बीमारियों से ग्रसित हैं तो यहीं जीवन आपके लिए दुखदायी बन सकता है.
स्टडी में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जो लोग समय से पहले ही बूढ़ें हो जाते हैं, वो अपनी नौकरी जल्दी छोड़ देते हैं और उनका अपने स्वास्थ पर दूसरों की तुलना में खर्च भी पहले के मुकाबले बढ़ जाता है.
इस स्टडी के माध्यम से शोधकर्ताओं ने यहां तक दावा किया कि इस बात का भी पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति में कौन सी उम्र में बुढ़ापे के लक्षण देखे जा सकते हैं.
वैसे जानकारी के लिए बता दें, भारत में भले ही लोग जल्दी बूढ़ें हो रहे हो लेकिन उनकी परिस्थिति दूसरे देशों की तुलना में आज भी बेहतर है. उदाहरण के लिए पापुआ न्यू गिनी में मात्रा 46 साल की उम्र में लोगों में बुढ़ापे के लक्षण देखे जा सकते हैं.
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