भिलाई। चाइल्ड लाइन, बचपन बचाओ आंदोलन, महिला एवं बाल विकास और पुलिस की संयुक्त टीम ने दो नाबालिग बच्चों को भिलाई नेहरू नगर के दो व्यापारियों के घर से छुड़ाया है। दोनों बच्चों को व्यापारी बंधक बनाकर मनमाने काम करवाते थे। साथ ही इन्हें बंधक बनाकर रखे हुए थे।
इन बच्चों के माता-पिता बेगुसराय में ही रहते हैं। शुक्रवार को चाइल्ड लाइन, बचपन बचाओ आंदोलन, महिला एवं बाल विकास और पुलिस की संयुक्त टीम ने इन बच्चों का रेस्क्यू किया। जानकारी के मुताबिक, चाइल्ड लाइन की हेल्पलाइन पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर सूचना दी कि बिहार के बेगुसराय से भिलाई लाकर दो बालकों को नेहरू नगर में रहने वाले संजीव शर्मा और संतोष शर्मा ने बंधक बनाकर रखा है।
बताया जाता है कि संजीव और संतोष दोनों का ही अलग-अलग लोहे का कारखाना है। लोहा व्यापारी संजीव शर्मा और संतोष शर्मा करीब दो साल पहले बिहार के बेगुसराय से बच्चों को भिलाई लेकर आए थे। वह उनके माता-पिता से भिलाई में उन्हें शिक्षा दिलाने की बात कहकर लाए थे।
भिलाई लाकर उन्होंने बच्चों को घर के अलावा कारखाने में भी काम कराना शुरू कर दिया। इसके बदले में वह बच्चों को दो वक्त का खाना और दो हजार रुपए महीना देते थे। शुक्रवार को बच्चों को संजीव शर्मा और संतोष शर्मा के चंगुल से मुक्त कराने के बाद चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी लाया गया।
यहां बच्चों की काउंसिलिंग की गई। दोनों बच्चों ने बताया कि उनसे सुबह से रात तक काम लिया जाता था। सुबह उठकर घर में झाड़ू-पोछा करने के बाद उन्हें कारखाने भेज दिया जाता था। यहां उनसे दिनभर काम लिया जाता था। गलती हो जाने पर पिटाई भी की जाती थी।
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