रायपुर। छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में पिछले साल जिस बीपीओ काल सेंटर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों हुआ था, वहां कार्यरत करीब 350 युवाओं के सामने आज ना घर के ना घाट के वाली स्थिति है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, यहां कार्यरत इन युवाओं को पिछले तीन माह से वेतन ही नहीं मिल पाया। इस कारण इनके सामने गंभीर स्थितियां निर्मित हो गई है।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के बस्तर जिले में पहला बीपीओ कॉल सेंटर अगस्त 2018 में खोला गया। जिसमें 400 आदिवासी युवाओं को रोजगार दिया गया है। बीपीओ में काम करने के लिए योग्यता 10वीं और 12वीं रखी गई है। युवाओं को 4 हजार रुपये मासिक आय दिया जा रहा था।
इसके साथ ही वेतन व अन्य समस्याओं को लेकर जब युवा आंदोलन और विरोध की राह पकड़े तब प्रशासन का रवैया उनके साथ अच्छा नहीं रहा है। प्रशासन उनकी मांगों पर उदासीन बना हुआ है। जब से सरकार में बदलाव आया है तब से उनकी सुविधाओं में कमी कर दी गयी है।
युवाओं का कहना है कि हम बेरोजगार युवक हैं और हम रोजगार की तलाश में यहां पर काम कर रहे हैं। लगातार काम करते रहने के बाद भी कंपनी ने तीन-चार महीनों से अभी तक वेतन का भुगतान नहीं किया है।
अप्रैल 2018 में जब पीएम नरेंद्र मोदी आयुष्मान भारत योजना का उद्घाटन करने बस्तर के बीजापुर जिला अंतर्गत जांगला आए थे। तब बीपीओ कॉल सेंटर की तारीफ़ करते थक नहीं रहे थे। स्थानीय रोजगार और स्किल डेवपलमेंट कौशल उन्नयन रोजगार का बीपीओ कॉल सेंटर को सबसे बड़ा नक्सल क्षेत्र में उधाहरण बता रहे थे आज बीपीओ कॉल सेंटर में रोजगाररत युवा बेरोजगारी की राह में आ कर खड़े हो गए हैं।
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