नई दिल्ली। आतंकवाद के खिलाफ भारत का सख्त रुख कायम है। पीओके में भारतीय वायुसेना की तरफ से जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर की गई हवाई कार्रवाई के बाद भारतीय सेना ने अब म्यांमार सीमा पर मौजूद आतंकियों के कई ठिकानों को नेस्तोनाबूद कर दिया। भारतीय सेना ने म्यांमार सेना के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर पूर्व के लिए बड़े और अहम निर्मित प्रोजेक्ट, जो म्यांमार में सितवे बंदरगाह के जरिये कोलकाता से मिजोरम से जोड़ते हैं, इन आतंकी संगठनों के निशाने पर थे। म्यांमार का विद्रोही समूह अराकान आर्मी ने मिजोरम सीमा पर नए ठिकाने बनाए थे, जो कलादान प्रोजेक्ट को निशाना बना रहे थे।
अराकान आर्मी को काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी द्वारा नॉर्थ बॉर्डर चीन तक ट्रेनिंग दी गई थी। सूत्रों के अनुसार, विद्रोहियों ने अरुणाचल से सटे क्षेत्रों से मिजोरम सीमा तक की हजार किमी की यात्रा की। सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में मिजोरम की सीमा पर नवनिर्मित शिविरों को ध्वस्त करने के लिए बड़े पैमाने पर संयुक्त अभियान शुरू किया गया था, जबकि ऑपरेशन के दूसरे भाग में ने टागा में एनएससीएन के मुख्यालय को निशाना बनाया गया और कई शिविरों को नष्ट कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, रोहिंग्या आतंकी समूह अराकान आर्मी और नागा आतंकी समूह के खिलाफ दो सप्ताह लंबा संयुक्त भारत-म्यांमार ऑपरेशन चला। आतंकी समूहों ने कलादान मल्टी मोडल प्रोजेक्ट की तरह भारत की कनेक्टिविटी परियोजनाओं के खिलाफ हमले की योजना बनाई थी।
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