छत्तीसगढ़

संविलियन के नियम, सेवा शर्तों को सार्वजनिक करने के पहले शिक्षाकर्मियों के सामने विकल्प फॉर्म का अडग़ा

संविलियन की प्रक्रिया एवं दस्तावेजीकरण का किया जाए सरलीकरण, मांग

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ व मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा के अनुसार राजनांदगांव जिला के छतीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय के जिलाध्यक्ष गोपी वर्मा ने कहा कि संविलियन की प्रक्रिया, दस्तावेजी करण की जटिलता व संविलियन हेतु निर्धारित अल्प समयावधि को देखते हुए शासन से मांग करते हैं कि संविलियन प्रकिया, दस्तावेजीकरण को सरल किया जाए। इस प्रकिया में विगत 6 वर्षों की गोपनीय प्रतिवेदन व अचल संपत्ति की जानकारी जमा करवायी जा रही है, जिसकी पूर्ति के लिए शिक्षाकर्मियों को भटकना पड़ रहा है।

प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के शिक्षा विभाग एवं ट्राइबल विभाग में संविलियन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है उसके लिए राज्य शासन ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए विभिन्न निर्देश जारी किए हैं साथ ही साथ प्रतिदिन इस प्रक्रिया की मॉनिटरिंग भी की जा रही है मोर्चा के जिला संचालक गोपी वर्मा एवं छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन मंत्री शैलेन्द्र यदु, बाबूलाल लाडे व जिला सचिव मनीष पसीने ने शासन से यह मांग की है कि संविलियन की प्रक्रिया एवं दस्तावेजीकरण का सरलीकरण किया जाए। गोपी वर्मा ने बताया कि शिक्षाकर्मियों के विगत 6 वर्ष के गोपनीय प्रतिवेदन चाहे गए हैं, जबकि शिक्षाकर्मियों की सेवाएं शिक्षा विभाग को हस्तांतरित की जानी है एवं उनकी पुरानी सेवा पुस्तिका ही निरंतर की जानी है ऐसी स्थिति में जबकि विगत वर्षों तक शिक्षाकर्मियों के गोपनीय प्रतिवेदन एवं सेवा सत्यापन के आधार पर समयमान वेतनमान, पुनरीक्षित वेतनमान एवं वार्षिक वेतन वृद्धियाँ स्वीकृत की गई, जिसकी प्रविष्टि संबंधित के सेवा पुस्तिकाओं में भी किया गया है।

अत: संविलियन हेतु केवल गत वर्ष के गोपनीय चरित्रावली ली जाए। शैलेन्द्र यदु ने यह भी कहा की कई जिलों अथवा विकासखंडों में शिक्षाकर्मियों के सेवा से संबंधित समस्त दस्तावेज यथा नियुक्ति पत्र स्थानांतरण कार्यभार ग्रहण शैक्षणिक योग्यता संबंधित प्रमाण-पत्र पत्र इत्यादि पुन: मांगे जा रहे जा रहे हैं, जबकि यह सभी दस्तावेज संबंधित शिक्षाकर्मियों के सेवा पुस्तिका में दर्ज है एवं सत्यापित है साथ ही उनके व्यक्तिगत नस्ती में उपलब्ध इन दस्तावेजों को पुन: मांग कर शिक्षाकर्मियों को बेवजह परेशान किया जा रहा है इसके लिए उनसे संबंधित समस्त जानकारियों को लेकर एक डाटा फॉर्मेट निर्धारित किया जाए जिसे भरकर संबंधित शिक्षाकर्मी कार्यालय को जमा करें इनका सत्यापन संबंधित शिक्षाकर्मियों के सेवा पुस्तिका एवं व्यक्तिगत नस्ती में उपलब्ध दस्तावेजों से करने के उपरांत संविलियन आदेश जारी किए जाएं।


मीडिया प्रभारी देवेंद्र साहू ने जानकारी देते हुए यह भी कहा की संविलियन हेतु जारी दिशा निर्देश में शिक्षाकर्मियों के सेवा पुस्तिकाओं का स्थानीय संपरीक्षा निधि से सत्यापन के उपरांत ही संविलयित पद पर वेतन निर्धारण की कार्रवाई की जाने की बात है, जबकि जिले में यह कार्य अपूर्ण एवं प्रारंभिक अवस्था में है अत: समस्त विकास खंड शिक्षा अधिकारियों शिक्षा अधिकारियों को तत-संबंध में स्पष्ट एवं समयबद्ध कार्यक्रम निर्धारित कर सेवा पुस्तिकाओं के सत्यापन के निर्देश जारी किए जाएं साथ ही विगत 6 वर्ष के अचल संपत्ति के ब्यौरे की जगह पर संबंधित द्वारा वर्तमान में धारित समस्त अचल संपत्तियों के ब्योरे के साथ घोषणा-पत्र लिया जाए।

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