जशपुर। बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर नकल पर रोक लगाने वाले उड़नदस्ता टीम द्वारा छात्र-छात्राओं के कपड़े उतरवाकर जांच किए जाने का मामला सामने आया है। अपने साथ परीक्षा दे रही छात्राओं से इस तरह की हरकत किए जाने से व्यथित 10वीं की एक छात्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है।
मामला जशपुर के बगीचा विकासखंड के पंडरापाठ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है जहां 10 बोर्ड का परीक्षा केंद्र बनाया गया था। 1 मार्च को आयोजित 10वीं बोर्ड की परीक्षा में नकल जांच करने के लिए जिले की उड़नदस्ता टीम परीक्षा केंद्र पंहुची।
टीम ने छात्र-छात्राओं को अलग कमरे में ले जाकर उनके कपड़े उतरवाए और बच्चों की जांच की। टीम की जांच के बाद एक बच्चे पर रेस्टीकेशन की कार्रवाई भी की गई। इस जांच प्रक्रिया में छात्र-छात्राएं को काफी परेशान हुई।
इस जांच के बाद स्कूली बच्चे काफी डर गए थे। इस तरह की जांच के बाद एक छात्रा इतनी व्यथित हो गई की उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिस छात्रा ने सुसाइड किया है वह विशिष्ट पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवार से बताई जा रही है। परिवार के लोग इस मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे है।
मामले का खुलासा तब हुआ जब पिछले 4 मार्च को 10वीं की परीक्षा लिख रही छात्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। इससे पहले मृतिका ने अपने भाई को स्कूल की घटना के बारे में भी बताया था। इसके बाद मामले में जांच प्रक्रिया से गुजरने वाले छात्र-छात्राओं ने इस पूरे मामले की जानकारी दी।
छात्रों के साथ स्कूल के शिक्षकों ने भी कपड़े उतरवाकर जांच किए जाने के मामले में आपत्ति जताई है। शिक्षकों का कहना है कि यहां परीक्षा के दौरान जिले से टीम आई थी। यह नियम विरुद्ध है। इसके बाद भी परीक्षार्थियों के समय बर्बाद किया गया। वहीं कपड़े उतरवाने से बच्चे लज्जित महसूस करते हैं।
वहीं इस मामले को एसडीएम डॉ। रवि मित्तल ने बेहद संवेदनशील बताया और कहा कि बच्चों पर इसका गलत असर पड़ता है। यह गंभीर मामला है। जांच कर कड़ी कार्रवाई की बात उन्होंने कही है। जशपुर जिले के प्रभारी मंत्री उमेश पटेल ने भी इस मामले पर कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है।
यह भी देखें :
Add Comment