अमेरिका और भारत के बीच इन दिनों व्यापरिक रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं। दरअसल, अमेरिका के ट्रंप प्रशासन की ओर से भारत को दी जाने वाली GSP (जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस) सुविधा को छीन लिया गया है। इसकाम मतलब यह हुआ कि भारत अब जिन प्रोडक्ट को अमेरिका में बेचेगा उस पर ट्रंप सरकार टैक्स लगाएगी।
हालांकि भारत सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि अमेरिका के इस फैसले का देश पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि इस कदम से लघु और मध्यम वर्ग की इंडस्ट्री पर बड़ा असर पड़ने वाला है। एक्सपर्ट का कहना है कि इस वजह से रोजगार का भी संकट आ सकता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विश्वजीत धर ने कहा, अमेरिका के इस फैसले का असर भारत के निर्यात पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत लघु और मध्यम वर्ग की इंडस्ट्री के प्रोडक्ट अमेरिका को भेजता है। अब इन प्रोडक्ट पर इंपोर्ट ड्यूटी लगने की वजह से इस इंडस्ट्री को मुश्किलें होंगी। उन्होंने बताया कि ये इंडस्ट्री सबसे ज्यादा रोजगार देती है। ऐसे में इस पर असर पड़ सकता है।
विश्वजीत धर के मुताबिक ट्रंप की मंशा है कि घरेलू इंडस्ट्री को बढ़ावा मिले और बाहरी देशों पर नकेल कसी जाए। उन्होंने कहा कि विकसित देश की ओर से विकासशिल देशों को इस तरह के लाभ दिए जाते हैं। यह हमारा अधिकार है।
ऐसे में भारत सरकार को इसके खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है। सरकार को ट्रंप प्रशासन से बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर बातचीत की वजह से ही सुलझने के कगार पर है।
वहीं आर्थिक मामलों के जानकार और जेएनयू के प्रोफेसर अरुण कुमार का कहना है कि ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद लघु और मध्यम वर्ग की इंडस्ट्री के कर्मचारियों की सैलरी पर असर पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि इससे नई नौकरियों की भी उम्मीद कम हो जाएंगी। इसके अलावा दोनों देशों के बीच ट्रेड डिफिसिट बढ़ सकता है।
क्या है सरकार का कहना
हालांकि सरकार के वाणिज्य सचिव अनूप वाधवन का कहना है कि इस फैसले से भारत द्वारा अमेरिका को किए जा रहे निर्यात पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। बीते मंगलवार को उन्होंने बताया कि भारत जीएसपी के तहत अमेरिका को 5।6 अरब डॉलर (करीब 39,645 करोड़ रुपये) के सामानों का निर्यात करता है। इनमें से सिर्फ 1।90 करोड़ डॉलर मूल्य के प्रोडक्ट ही बिना किसी शुल्क वाली श्रेणी में आते हैं।
क्या है ट्रंप का फैसला
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के साथ GSP समाप्त कर दिया है। भारत के केमिकल्स और इंजिनियरिंग जैसे सेक्टरों के करीब 1900 छोटे-बड़े प्रोडक्ट पर GSP का फायदा मिलता है। यानि भारतीय बाजार से ये प्रोडक्ट अमेरिकी बाजार में बिना किसी टैक्स या मामूली ड्यूटी चार्ज के पहुंचते हैं। बता दें कि भारत जीएसपी के तहत अमेरिका को 5।6 अरब डॉलर (करीब 40 हजार करोड़ रुपये) के सामानों का निर्यात करता है।
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