इस्लामाबाद। पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत के हवाई हमले और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दबाव पाकिस्तान पर दिखने लगा है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक इमरान सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ असगर सहित 44 लोगों को हिरासत में लिया है।
असगर को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री शहरयार अफरीदी ने भी की है। अफरीदी ने मीडिया को बताया कि अब्दुल रऊफ असगर और हमजा अजहर सहित प्रतिबंधित संगठनों के 44 लोगों को हिरासत में लिया गया है। जैश ने पुलवामा आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली है।
पाकिस्तान ने मसूद अजहर के भाई को हिरासत में तो लिया है लेकिन पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड जैश का सरगना अभी भी कानून की गिरफ्त में नहीं आया है। पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है।
अमेरिका ने पाकिस्तान को अपने यहां चलने वाले टेरर कैंपों एवं आतंकियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा है। विश्व समुदाय भी चाहता है कि पाकिस्तान आतंकियों एवं उनके नेटवर्कों पर कार्रवाई करे। बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण केंद्र पर भारतीय वायु सेना के हमले के बाद पाकिस्तान की पोल खुल गई।
पाकिस्तान यदि आतंकी समूहों पर कार्रवाई नहीं करता है तो उसे टेरर फंडिंग की निगरानी करने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ) के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा सकता है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को फिलहाल अपनी ‘ग्रे’ सूची में रखा है।
आतंकी फंडिंग रोकने के लिए यदि पाकिस्तान ने कारगर कदम नहीं उठाए तो संस्था उसे काली सूची में डाल सकती है। इस सूची में जाने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और आर्थिक संकट में फंस जाएगी।
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