
रायपुर। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी फाल्गुन कृष्णपक्ष की त्रयोदशी, चतुदर्शी तिथि के अवसर पर महाशिवरात्रि का पर्व राजधानी सहित प्रदेश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। शहर के प्राचीनतम मंदिर हठकेश्वर महादेव एवं बूढ़ेश्वर महादेव सहित सभी शिवालयों में ब्रम्हमुहुर्त से ही भक्तों ने खारून स्नान के साथ महादेव का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक धतुरा, गुढ़हल मंदार एवं भांग चढ़ाकर विधिवत पूजन किया।
शहर के दूधाधारी मठ, सुरेश्वर महादेव कचना, सरोना स्थित शिव मंदिर एवं रांवाभाठा स्थित शंकर जी की प्रतिमा पर भक्तों ने घी, दूध, शहद, केसरदूध , पुष्प, बेलपतरी आदि चढ़ाकर सुख समृद्धि की कामना की।
हमारे 27 जिलों के संवाददाताओं से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश भर में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में भक्त सुबह से ही मंदिरों में विधिवत पूजन के लिए कतारबद्ध खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे।
पौराणिक मान्यता के अनुसार आज के दिन भगवान शिव शंकर का माता पार्वती के साथ शुभ विवाह/पाणीग्रहण संस्कार हुआ था। तीन वर्षों बाद सोमवार के संयोग में आई महाशिवरात्रि का अत्याधिक महत्व है। शिव मंदिर शांति नगर के पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार का संयोग महाशिवरात्रि में पडऩे पर जातकों द्वारा मांगी गई मनोकामना तत्काल पूर्ण होती है।
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