पढ़ाई-लिखाई छोड़ बच्चों ने ढोया गोबर…पालकों में नाराजगी…

कोरबा। अभिभावकगण अपने बच्चों को स्कूल पढऩे-लिखने के लिये भेजते हैं लेकिन शिक्षक उन्हें पढ़ाने-लिखाने की बजाय अन्य काम में लगा देते है और बच्चों की पढ़ाई समय पर पूरी नहीं होने से वे पिछड़ जाते है। स्कूली बच्चे प्रांगण की लिपाई-पोताई के लिए गोबर एकत्र कर ले जाते दिखे।
पाली विकासखण्ड अंतर्गत प्राथमिक शाला धौराभाठा में पढ़ाई-लिखाई छोड़ बच्चों से गोबर ढोवाया जा रहा है। गणतंत्र दिवस की तैयारी में जुटे शिक्षकों ने स्कूल प्रांगण में लिपाई के बच्चों से ही गोबर मंगवा रहे थे। यह नजारा देख पालकों में नाराजगी है।
स्कूल के कक्षा चौथी में अध्यनरत रितेश मरावी व पुरषोत्तम ओरकेरा तथा कक्षा पांचवी के छात्र सूरज उइके और विनोद खुसरो को शिक्षकों द्वारा 11 बजे गोबर बीनने के काम पर भेज दिया गया। ये चारों छात्र गांव के मवेशियों को इकठ्ठा करने वाले स्थान पर एकत्र गोबर को एक बोरी में भरकर ले जाते नजर आए।
जब इन बच्चों से इसके संबंध पर पूछा गया तब इन्होंने बताया कि शिक्षकों द्वारा स्कूल के बाहर की लिपाई के लिए हमें गोबर लाने भेजा गया है इसलिए हम यह कार्य कर रहे हैं। छात्रों ने यह भी बताया कि स्कूली छात्राओं से लिपाई का कार्य कराया जा रहा है।
बच्चों से ऐसा कार्य कराने का यह कोई पहला मामला नहीं है बल्कि अधिकतर शासकीय स्कूलों में होने वाले आयोजनों में बच्चों से इसी प्रकार से काम लिया जाता है। पिछले दिनों कोरबा शहर के भीतर कोतवाली थाना के सामने संचालित प्राथमिक शाला में भी कुछ ऐसा ही मामला देखने को मिला जहां प्रधानपाठिका के कहने पर 4-5 छात्रों ने रापा व फावड़ा लेकर नाली की सफाई की।
बालको क्षेत्र के एक शासकीय स्कूल में नवनिर्मित भवन में प्रयुक्त निर्माण सामाग्री व विद्युत तारों को बच्चों के जरिए हटवाए जाने, छात्राओं से परिसर में झाड़ू लगवाने व जूते-चप्पल तक उठवाने का मामला सामने आया। इस तरह के मामले संज्ञान में लाए जाने के बाद भी विभागीय तौर पर ऐसे लोगों के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं होने से बच्चों सेे हमाल की तरह काम लेने की प्रवृत्ति पर विराम नहीं लग पा रहा है।
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