रायपुर। विधानसभा के प्रश्न काल में जोगी कांग्रेस से विधायक प्रमोद कुमार शर्मा ने ग्राम सकलोर स्थित बांध के बीचो-बीच एक सीमेंट कंपनी द्वारा निर्माण की गई सड़क से बड़े कृषि रकबे की सिंचाई प्रभावित होने का मुद्दा उठाया। विधायक ने कहा कि इस मामले में बार-बार शिकायत होने के बाद भी विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
इसके जबाव में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि ग्राम सकलोर ए पोस्ट हिरमी सिमगा स्थित यह बांध उनके विभाग अंतर्गत नहीं आता। इस बांध पर किसी भी प्रकार के सड़क निर्माण की कोई अनुमति उनके विभाग द्वारा नहीं दी गई है।
इस पर विधायक प्रमोद कुमार शर्मा ने कहा कि इस विषय में संवेदनशीलता का परिचय देते हुए मंत्री मोहम्मद अकबर ने निर्माण को तोड़वा दिया किंतु इसके बाद भी इस क्षेत्र की कृषि सिंचाई प्रभावित है। उन्होंने कहा कि इस विषय में किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं आई है ऐसी जानकारी देने वाले गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाआ होगी क्या। उन्होंने कहा कि इस विषय में सैकड़ों शिकायतें आई है पर विभाग इस विषय में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने इस विषय को गंभीर बताते हुए कहा कि सीमेंट कंपनी द्वारा बांध पर सड़क बनाकर जल प्रभाव को प्रभावित करना जांच का विषय है। वहीं जोगी कांग्रेस के विधायक धर्मजीत सिंह ने भी कहा कि मंत्री मोहम्मद अकबर को धन्यवाद जिन्होंने इस बांध के बीचो-बीच बनी सड़क को जो कि अतिक्रमण थी तोड़वा दिया। उन्होंने कृषि मंत्री से कहा कि इसके बाद भी बांध का जल स्रोत प्रभावित हुआ है। जब सरकार की प्राथमिकता कृषि सिंचाई के लिए जल है तो इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी ने अपनी मनमानी कर यहां निर्माण किया था। उन्होंने कहा कि अब उस कंपनी को बाध्य किया जाना चाहिए कि वह अपने खर्चे से जल स्रोत की बाधा को ठीक करें। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में निजी उद्योग जल स्रोतों पर अपना अधिकार जमा रहे हैं यह गलत है।
उन्होंने यह भी मांग की जिन अधिकारियों ने इस संबंध में गलत जानकारी दी है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर विभाग यह मानता है यह जानता था की यह उनके अधिकार क्षेत्र का प्रश्न नहीं था तो उन्हें इसे सही विभाग को स्थानांतरित कर देना था।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कृषि मंत्री को कहा कि इस प्रश्न का उत्तर देने में उनके विभाग के अधिकारियों की गलती है। वे उन्हें भविष्य में इस तरह की गलतियां ना करने के लिए सचेत करें।
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