बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने अंतागढ़ उप-चुनाव मामले में दर्ज एफआइआर को निरस्त करने के लिए बुधवार को हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिका दाखिल की है। आवेदन पर सुनवाई की तारीख अभी तक तय नहीं हुई है। जिला न्यायालय में राजेश मूणत ने इस मामले में अग्रिम जमानत याचिका भी लगाई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है।
विवेक कुमार वर्मा की कोर्ट में यह आवेदन लगा था। जोगी ने याचिका में कहा है कि अंतागढ़ उप-चुनाव में लेनदेन की बात को लेकर पहले ही हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। दोनों ही अदालत ने निर्णय पारित किया है।
इसमें लेनदेन की बात साबित नहीं हुई है। जब किसी प्रकरण में उच्चतम व उच्च न्यायालय से आदेश पारित हो चुका है तो इसकी फिर से जांच कैसे हो सकती है। राजनीति से प्रेरित होकर एफआइआर दर्ज की गई है।
उल्लेखनीय है कि अंतागढ़ उप-चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार मंतूराम पवार ने अंतिम समय में नामांकन वापस ले लिया था। जिसकी वजह से कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ पाया। इस मामले में प्रत्याशी को पैसे देकर चुनाव से हटने की बात सामने आई थी।
एक आडियों पर जारी हुआ था, जिसमें पूर्व सीएम अजीत जोगी, डॉ. पुनित गुप्ता, तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत व मरवाही विधायक अमित जोगी के मध्य हुई बातचीत का टेप सार्वजनिक हुआ। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही मामले की जांच कराई गई।
इसके साथ रायपुर की पूर्व महापौर किरणमयी नायक की रिपोर्ट पर पंडरी थाने में पूर्व सीएम अजीत जोगी, मंतूराम पवार, डॉ. पुनित गुप्ता, पूर्व मंत्री राजेश मूणत के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है।
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