बिलासपुर। कांग्रेस भवन में घुसकर कांग्रेसियों पर बरसाए गए लाठियों की जांच की शुरुआत 20 फरवरी को एडीएम कोर्ट में घटना की जांच शुरू होगी। कलेक्टर डॉ. संजय के अलंग ने पूर्व में जारी जांच के बिंदुओं में दो महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल करते हुए इसी आधार पर जांच के निर्देश अपर कलेक्टर बीएस उइके को दिए हैं।
18 सितंबर 2018 को जिला शहर कांगे्रस कमेटी बिलासपुर द्वारा पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के निवास का घेराव कर कचरा फेंके जाने की घटना के दौरान पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने की घटना की दंडाधिकारी जांच के लिए तत्कालीन कलेक्टर पी दयानंद ने अपर कलेक्टर उइके को जांच अधिकारी नियुक्ति करते हुए प्रमुख बिंदु भी तय कर दिया था।
इसी आधार पर कांग्रेस के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को गवाही के लिए समंस जारी किया गया था। जारी समंस में पूर्व मंत्री बंगले के सामने लाठीचार्ज का उल्लेख करते हुए गवाही के लिए कोर्ट तलब किया गया था। बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बिलासपुर प्रवास के दौरान पीसीसी के महामंत्री अटल श्रीवास्तव व पीसीसी के प्रवक्ता अभयनारायण राय ने सीएम से इस बात की शिकायत की थी।
सीएम ने कलेक्टर को तलब कर कांग्रेस भवन में लाठीचार्ज की घटना की जांच के निर्देश दिए थे। सीएम के निर्देश के बाद भी जांच की दिशा नहीं बदल पाई थी। पुराने ढर्रे के आधार पर समंस जारी किया जा रहा था और सुनवाई भी उसी आधार पर हो रही थी।
शुक्रवार को एडीएम कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों की सूची जारी कर समंस की तामिली करने की बात कही थी। कलेक्टर ने जांच के लिए पूर्व में तय किए गए बिंदुओं में महत्वपूर्ण बदलाव किया है।
अपर कलेक्टर बीएस उइके ने बताया कि दंडाधिकारी जांच के लिए दो अतिरिक्त बिंदुओं को जारी किया है। इसी आधार पर घटना की सुनवाई होगी। जांच में जिन दो बिंदुओं को जोड़ा गया है, उसमें पहला है लाठीचार्ज का घटना स्थल और धरना प्रदर्शन का स्थल क्या अलग-अलग है और यदि है तो उनमें कितनी दूरी है और दूसरा क्या कांगे्रस भवन मुख्यालय में लाठीचार्ज करने के लिये अतिरिक्त बल बुलाया गया था, यदि हां तो इसका आदेश किसने और किन परिस्थितियों में दिए।
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