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राम वन गमन पथ की विस्तृत कार्य-योजना 10 दिन के भीतर बनाने के निर्देश…मुख्य सचिव ने आला अधिकारियों के साथ किया राजिम स्थल का निरीक्षण…

रायपुर। राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ में आने वाले स्थलों में से 8 स्थलों-सीतामढ़ी-हरचैका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा और जगदलपुर को चिन्हित कर पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है। मुख्य सचिव आर. पी. मंडल ने आज आला अधिकारियों के साथ राजिम स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने पर्यटन विभाग के अधिकारियों को 10 दिन के भीतर विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।



मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कुलेश्वर मंदिर और राजीव लोचन मंदिर तथा लोमस ऋषि आश्रम को सौंदर्यकरण करने तथा वहां जरूरी सुविधाएं विकसित करने पर भी विचार-विमर्श किया। निरीक्षण के दौरान राजिम और आस-पास के 25 किलोमीटर परिधि के अंतर्गत पंचकोशी धाम यात्रा के प्रमुख स्थलों में मार्गों में संकेतांक और मूलभूत सुविधाएं- पेयजल, यात्री प्रतीक्षालय, पर्यटन सुविधा केंद्र स्थापित करने पर भी चर्चा की गई।


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राजिम नगरी को पुरातत्व और ऐतिहासिक पहचान देने के लिए शहर के चारों ओर प्रवेश द्वार तथा साज सज्जा के लिए भी विमर्श किया गया। मुख्य सचिव ने भगवान राजीव लोचन की पूजा अर्चना कर प्रदेश के खुशहाली और समृद्धि के लिए कामना भी की। इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी एवं पर्यटन विभाग के सचिव अंबलगन पी. भी उपस्थित थे। वहीं पर्यटन परिपथ के पूरे कार्य के समन्वय के लिए वन संरक्षक एस.एस.डी. बडग़ैया को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

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