जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए। इसके बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है। जगह-जगह पाकिस्तान विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और बदला लेने की मांग हो रही है। वहीं दूसरी ओर हमले में शहीद जवानों के परिवार सदमे में हैं।
पुलवामा के अवंतीपोरा इलाके में एक विस्फोटक से लदी गाड़ी जवानों के काफी में चल रहे वाहन से टकराई। इसके बाद जोरदार धमाका हुआ और हर तरफ लाशों का ढेर बिछ गया। बताया जा रहा कि फिदायीन हमलावर की कार में करीब 200 किलो विस्फोटक भरा हुआ था।
जम्मू में शुक्रवार को पुलवामा हमले के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हुआ। यहां कई गाड़ियों को आग के हवाले किया गया और आंतक विरोधी नारेबाजी की गई। श्रीनगर में आतंकी हमले के बाद से इंटरनेट सेवा बाधित है, साथ ही सुरक्षाबलों को अलर्ट पर रखा गया है।
देशभर के स्कूलों में आज शहीद जवानों के लिए प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया गया। स्कूली बच्चों ने जवानों की शहादत को सलाम किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
अलग-अलग शहरों में पाकिस्तान के झंडे भी जलाए गए। पुलवामा हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है जिसका सरगना मौलाना मसूद अजहर पाक की पनाह में है।
आगरा में शहीद कौशल कुमार रावत के घर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पुलवामा में शहीद हुए रावत उन 40 जवानों में शामिल थे, जिन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है।
देश के तमाम राजनीतिक दलों ने एक सुर में पुलवामा हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ बैनर-पोस्टर लहराए। मुंबई में भी शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने ने जमा होकर सरकार से पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग की।
कई संगठनों ने दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया। यहां पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की भिड़ंत भी देखने को मिली।
पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खास बात यह है कि जैश का सरगना पाकिस्तान में बैठा है जिसने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली है। शहीद जवानों की पैरामिलिट्री फोर्स CRPF को ही उच्चायोग की सुरक्षा में तैनात किया गया है।
दुनियाभर के मुल्कों ने पुलवामा हमले के बाद आतंक के खिलाफ एक्शन में भारत का साथ देने का भरोसा जताया है। इस बाबत दिल्ली में बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, नेपाल, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, भूटान, कनाडा, ब्रिटेन, रूस, इज़राइल समेत कई देशों के प्रतिनिधियों ने भारतीय विदेश मंत्रालय में एक बैठक भी की।
लखनऊ में गुरुवार को हमले के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी थी। प्रियंका ने कहा कि दुख की इस घड़ी में राजनीतिक चर्चा करना ठीक नहीं है।
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