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छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग: पीएससी परीक्षा अगले माह… पहले के पांच एग्जाम में रद्द करने पड़े हैं 34 सवाल, इससे छात्रों को नुकसान…

पीएससी के पर्चे हर बार विवादों में रहते हैं। क्योंकि, पर्चे में कुछ ऐसे सवाल भी होते हैं, जिनसे भ्रम की स्थिति बनती है। जिनको बाद में विलोपित करना पड़ता है। इसकी वजह से होनहार छात्रों को नुकसान होता है। पांच वर्षों में 34 भ्रामक सवाल पूछे गए। जिन्हें बाद में विलोपित किया गया।

इन सवालों की वजह से पिछली बार मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा था। एक बार फिर राज्य सेवा परीक्षा-2021 की तैयारी की जा रही है। 13 फरवरी को प्रीलिम्स होगी। छात्रों को कहना है कि गंभीरता के साथ पेपर सेट करने चाहिए, ताकि बाद में विवाद की स्थिति न बने। राज्य के प्रमुख सेवाओं जैसे, डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत बड़े पदों के लिए सीजीपीएससी से राज्य सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इस बार भी तैयारी की जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में प्रीलिम्स में पूछे गए प्रश्नों को लेकर विवाद की स्थिति बनी।

जबकि यह पेपर प्रदेश व प्रदेश के बाहर के विशेषज्ञों से सेट कराए गए थे। इसके अनुसार परीक्षा हुई। जब मॉडल आंसर जारी किए गए तब परीक्षार्थियों की आपत्ति के बाद पीएससी को सवालों को विलोपित करना पड़ा। ऐसी स्थिति एक बार नहीं बल्कि बार-बार देखने को मिलती है। जिन प्रश्नों को विलोपित किया जाता है, उनके नंबर अन्य प्रश्नों में जाेड़कर मूल्यांकन किया जाता है। वर्ष 2016 में 4 प्रश्न, 2017 में 6, 2018 में 12, 2019 में 4 और पीएससी 2020 में 8 प्रश्न विलोपित किए गए।

विलाेपित किया जाता है
पीएससी के सचिव जेके.ध्रुव का कहना है कि पेपर सेट करने वाले बाहर के एक्सपर्ट रहते हैं। इसके तैयार किए गए पेपर से परीक्षा होती है। जिन प्रश्नों को लेकर भ्रम की स्थिति बनती है, दावा-आपत्ति के बाद इसका निपटारा किया जाता है। जरूरत पड़ने पर विलोपित भी किया जाता है।

जवाबदेही के साथ पेपर सेट किया जाना चाहिए: एक्सपर्ट
पीएससी कोचिंग के एक्सपर्ट अंकित अग्रवाल का कहना है कि पीएससी की ओर से होने वाली राज्य सेवा परीक्षा के पेपर सवालों की वजह से विवादों में रहते हैं। पिछली बार प्रश्नों को लेकर विवाद हुआ था। इससे अच्छी तैयारी करने वालों छात्रों को नुकसान होता है। जवाबदेही के साथ पेपर सेट करना चाहिए। ताकि आयोग पर भरोसा बना रहे।

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