इस वक्त दुनिया के कई देश हाड़ कंपा देने वाली ठंड से जूझ रहे हैं। अमेरिका और चीन में तो बर्फबारी ने कई रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया में इसके उलट रेकॉर्डतोड़ गर्मी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। इस वक्त ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में एशेज सीरीज खेली जा रही है लेकिन गर्मी ने खिलाड़ियों ही नहीं बल्कि प्रशंसकों तक का मैदान में रहना मुश्किल बना दिया है।
बीते रविवार को सिडनी में बढ़ते तापमान ने तो 80 साल का रेकॉर्ड तोड़ा है। रविवार को सिडनी का तापमान 47.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। जिसके बाद समुद्रतटों पर लोगों की भीड़ देखी गई। इससे पहले 1939 में पारा 47.8 डिग्री तक पहुंचा था। सिडनी में एशेज सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच चल रहा है। गर्मी ने प्रशंसकों को बेहाल कर दिया। स्थिति यह थी कि अधिकतर प्रशंसक अपने शर्ट तक उतारने पर मजबूर हो गए। इतना ही नहीं सिडनी इंटरनैशनल टेनिस टूर्नमेंट खेल रहीं फ्रांस की खिलाड़ी क्रिस्टीना मलडैनोविच बीच खेल में ही गर्मी की वजह से कोर्ट से बाहर चली गईं। क्रिस्टीना ने ट्वीट किया करके बताया कि पहले 43 डिग्री तापमान था लेकिन कोर्ट तक पहुंचने पर वह शायद 50 डिग्री हो गया था। क्रिस्टीना ने कहा, ‘मैं अपने फैन्स से माफी मांगती हूं, अपने करियर में पहली बार मैंने कोई मैच बीच में छोड़ा है।’ इस बीच शनिवार को गर्मी की वजह से लगी जंगलों में लगी आग ने तीन राज्यों में कई इमारतों को बर्बाद कर दिया।
दूसरी तरफ अमेरिका में सर्दी रेकॉर्ड तोड़ रही है। अमेरिका के मैसचूसिट्स राज्य में रविवार को तापमान माइनस 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जिसने 1942 का भी रेकॉर्ड तोड़ दिया, जब पारा माइनस 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था।
इन दिनों अमेरिका के कई हिस्से भयंकर ठंड की चपेट में हैं। बर्फबारी का आलम ये है कि सड़कों पर गाड़ियां एक-दूसरे से टकरा रही हैं। लेकिन ये ठंड सिर्फ मनुष्यों को ही नहीं जानवरों को भी परेशान किए हुए है। फ्लॉरिडा में आइग्वान (छिपकली की प्रजाति) इन दिनों खुद-ब-खुद पेड़ों से गिर रहे हैं।
नैशनल वेदर सर्विस के मुताबिक, दक्षिणी फ्लॉरिडा में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा है। इतना तापमान इन छिपकलियों को गतिहीन करने के लिए काफी है। स्थानीय लोगों और समाचार एजेंसियों ने इंटरनेट पर कई तस्वीरें पोस्ट की हैं, जिनमें ये छिपकलियां जमीन, सड़क और स्विमिंग पूल के पास उल्टी पड़ी दिख रही हैं। फ्लॉरिडा फिश ऐंड वाइल्डलाइफ कंसरवेशन कमिशन के क्रिस्टन सॉमर्स ने बताया कि ठंडे खून वाले ये जीव मूल रूप से मध्य और दक्षिण अमेरिका में पाए जाते हैं और तापमान के 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिरते ही ये सुस्त पड़ने लगते हैं। क्रिस्टन सॉमर्स के मुताबिक अगर तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिरता है तो आइग्वानों का शरीर जमने लगता है।
सॉमर्स ने बताया कि लोगों को इन जमे हुए आइग्वान से दूर रहने को कहा गया है क्योंकि ये मरे नहीं हैं। जैसे ही इन छिपकलियों को गर्मी मिलेगी ये काट भी सकते हैं। ये हरे आइग्वान ही ऐसे नहीं जो अमेरिका की सर्दी में जम गए हैं। अमेरिका की रेकॉर्ड तोड़ सर्दी ने शार्क, समुद्री कछुओं तक को भी जमा दिया है। अमेरिका में आए बॉम्ब चक्रवात की वजह से ठंड अपने चरम पर पहुंच गई है। एक तरफ आइग्वान पेड़ों से गिर रहे हैं तो दूसरी तरफ ठंड से शीशे तक चटक रहे हैं।
Add Comment