रायपुर। झीरमकांड की फाइल राज्य सरकार को देने से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मना कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को विधानसभा में यह जानकारी दी।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शपथ ग्रहण के बाद 17 दिसंबर को कैबिनेट की पहली बैठक में झीरम घाटी हमले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर जांच कराने का निर्णय लिया था। सरकार ने केन्द्रीय गृह मंत्रायल को पत्र लिखकर एनआईए से प्रकरण वापस मांग था। करीब डेढ़ माह बाद अपने जबाव में केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने प्रकरण वापस नहीं करने की जानकारी दी है।
ज्ञात हो कि मई 2013 में हुई इस घटना में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, वीसी शुक्ला, महेन्द्र कर्मा समेत करीब 31 लोग नक्सली गोली के शिकार हो गए थे। बजट पर सामान्य चर्चा का जवाब देते हुए सीएम ने दोनों प्रमुख विपक्षी दलों भाजपा और जकांछ पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिए पूर्व मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह को भी आड़े हाथ लिया।
मुख्यमंत्री भूपेश ने इशारों-इशारों में कहा कि मैंने सिर्फ सुपर सीएम कहा था, इससे ज्यादा बात नहीं की थी, लेकिन उन्हें यह नागवार गुजरा। उन्होंने मेरे घर को तीन बार नपवाया। जैसे ही सरकार बदली दूसरे दिन वह छत्तीसगढ़ छोड़कर भाग गया। उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया। हमने तो नहीं मांगा था। यदि छत्तीसगढ़ से इतना ही प्यार था तो भागकर कहां चले गए।
सीएम ने भाजपा विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि आप लोग उनके इशारों पर 15 साल चलते रहे, हालत क्या हुई 15 सीट में सिमट गए। भूपेश ने भाजपा विधायकों से पूछा कि कभी आप लोगों ने हमारे खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की तो बदला कैसा? यह बदलापुर नहीं साहब यह वक्त बदलाव का है।
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