भिलाई। शहर के खुर्शीपार थाना क्षेत्र में 29 जनवरी को ट्रांसपोर्टर सूरज सिंह हत्या की गुथी को पुलिस ने सुलझा ली है। हत्या की वजह अवैध संबंध का शक बताया जा रहा है और हत्यारा भी कोई ओर नहीं पुलिस कांस्टेबल ही निकला। सनसनीखेज हत्या का खुलासा आईजी रतनलाल डांगी और एसपी प्रखर पांडेय की मौजूदगी में रविवार को दुर्ग पुलिस ने किया।
इस हत्याकांड की जांच पुलिस कारोबारी विवाद से जोड़कर कर रही थी। इस लिहाज से पुलिस सूरज के साथ कारोबारी संबंध रखने वालों से पूछताछ कर रही थी। इस दौरान ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े 132 लोगों से पूछताछ की गई। पुलिस सीसीटी के जरिए भी सुराग तलाशने में लगी हुई थी। वहीं ट्रांसपोर्टर सूरज सिंह के घर के आसपास रहने वाले एवं मृतक के घर कार्य करने वाले 73 महिला एवं पुरूष से पूछताछ की गई।
इतनी पूछताछ व छानबीन के बाद भी पुलिस के हाथ सुराग नहीं लगा तो हत्यारे का पता लगाने 5 हजार रुपये पुरस्कार का ऐलान किया था। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि मृतक सूरज सिंह का संबंध खुर्सीपार में ही रहने वाले आरक्षक रामप्रकाश यादव से था और वह आरक्षक रामप्रकाश के घर भी आया जाया करता था।
घटना के दिन भी आरक्षक को मृतक सूरज सिंह के साथ देखा गया था। जिसके बाद आरक्षक रामप्रकाश यादव से पूछताछ की गई, जिसमें रामप्रकाश यादव ने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया।
लगातार पूछताछ करने के बाद आखिर में आरक्षक ने बताया कि वह अपनी पत्नी पर शक करता था। जिसकी वजह से मानसिक तनाव में रहता था। इसलिए उसने सूरज सिंह की हत्या कर दी। घटना के वक्त सूरज घर पर अकेला था। लोहे के हथौड़े से मृतक के सिर पर मारकर उसने हत्या की थी। हत्या के बाद लोहे के हथौड़े और मोबाइल को टैंक में फेंक दिया।
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