क्राइमछत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: बलौदाबाजार के 20 मजदूर पुणे में थे बंधक…ना मजदूरी दे रहे थे ना ही घर वापस लौटने…

पुणे (महाराष्ट्र) के ईट भट्ठा में बंधक बनाये गये ग्राम चिचिरदा और अमेठी के 20 ग्रामीणों को सकुशल छुड़ाकर लाया गया
बलौदाबाजार। जिले के 20 ग्रामीण मजदूर पुणे (महाराष्ट्र) में बंधक थे। ईट भट्ठा के मालिक उन लोगों को बंधक बनाकर काम करवा रहे थे। जिले के पुलिस टीम ने इन लोगों को आज सकुशल छुड़ाकर वापस बलौदाबाजार ले कर आए। बंधक मजदूरों को बंधक मुक्त कराने में बलौदाबाजार पुलिस टीम की यह लगातार तीसरी बड़ी सफलता है।
पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल को शिकायत मिली थी कि ग्राम चिचिरदा चौकी लवन तथा ग्राम अमेठी थाना गिधपुरी के 20 ग्रामीणों को पुणे (महाराष्ट्र) के ईट भ_ा में बंधक बना लिया गया है। भट्ठा मालिक अशोक दिवेकर द्वारा ग्रामीणों को ज्यादा मजदूरी का लालच देकर ले गए थे। लेकिन वहां ग्रामीणों को बंधक बनाकर जबरदस्ती काम करवा रहे थे। मालिक द्वारा इनसे बहुत ज्यादा कार्य लिया जाता था और कार्य के मुताबिक पारिश्रमिक नहीं दे रहे थे। मजदूर वहां से अपना घर वापस आना चाहते थे परंतु मालिकों द्वारा इन्हें वापस नहीं आने दिया जा रहा था। जिस पर प्रार्थी अघोरी दास मानिकपुरी ग्राम अमेठी की रिपोर्ट पर चौकी लवन में 22 जनवरी को अपराध किया गया था।
मामले की गंभीरता को देखते हुये चौकी लवन, थाना गिधपुरी पुलिस एवं प्रशासन की टीम बनाकर पुणे (महारष्ट्र) भेजा गया था। जहां ईट भ_ा मालिक अशोक दिवेकर के बंधन से धनकुंवर, संगीता, रामप्रताप, पुष्पा यादव, कमलदास, टीना, किशन रामबाई सहित 20 ग्रामीणों को जिसमें 06 महिला 05 पुरूष एवं 09 बच्चें शामिल है को बंधक मुक्त कराकर लाया गया।
बंधक मजदूरों को बंधक मुक्त कराने में बलौदाबाजार पुलिस टीम की यह लगातार तीसरी बड़ी सफलता है। इसके पूर्व में भी जनवरी में पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल के निर्देशन में तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय धु्रव के मार्गदर्शन में थाना राजादेवरी के ग्राम चांदन के 18 मजदूरों को तेलंगाना राज्य के पैदापल्ली जिले के ग्राम पल्लाचिला में बंधक बनाकर रखे मजदूरों को विशेष टीम गठित कर सकुशल वापस लाया गया है तथा थाना कसडोल चौकी लवन के ही ग्राम चितावर के 30 ग्रामीण को बिहार राज्य के जिला गया, शेरघाटी में ईट भ_ा मालिक का बंधक बनकर प्रताडऩा का शिकार हो रहे ग्रामीणों को वापस लाने में बलौदाबाजार पुलिस टीम को सफलता मिल चुकी है।

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