चंद्रशेखर प्रभाकर, पिथौरा। बिना वैध अनुज्ञप्ति के वाहन चलाना कानूनन अपराध होता है। अवयस्क बच्चों को वाहन चलाने से बचना चाहिए, क्योंकि अगर वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है तो उससे उत्पन्न क्षति के लिए नाबालिग के माता पिता जिम्मेदार होते हैं।
उक्ताशय की बाते विधिक जागरूकता अभियान के दौरान पिथौरा न्यायालय के न्यायाधीश सुश्री कामिनी जायसवाल ने कही। न्यायाधीश सुश्री जायसवाल स्थानीय शासकीय कन्या शाला में स्कूली छात्राओं को सम्बोधित कर रही थी।
उन्होंने महिला हिंसा के बारे में भी विस्तार से जानकारी देते हुए लेंगिक अपराध से नाबालिग बच्चों के संरक्षण के बारे में भी बताया। शिक्षा गारन्टी कानून से भी स्कूली बच्चों को अवगत कराया।शिक्षा की महत्ता के बारे में भी प्रकाश डालते हुए कड़ी मेहनत के गुर भी दिए।
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