
जबलपुर। रेलवे ने यह निर्णय लिया है कि वह अब अपनी ट्रेनों के जरिए शवों को बिना किसी शुल्क लिए उनके घर के पहुंचाने का काम करेगा। साथ ही शव के साथ एक अटेंडेंट के रहने की भी छूट रेलवे ने दी है।
अगर पार्थिव शरीर को दूर ले जाना हो तो सीधे रेलवे स्टेशन जाइए और निर्धारित रूट पर चलने वाली ट्रेन में पार्थिव शरीर को बुक करा दीजिए। रेलवे प्रशासन एक अटेंडेंट के साथ पार्थिव शरीर को नि:शुल्क पहुंचाएगा।
इस योजना का लाभ केवल रेलकर्मी को ही नहीं बल्कि आम आदमी को भी मिलेगा। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए बकायदा दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए है। नई व्यवस्था के तहत अगर किसी रेलकर्मी की ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाती है तो रेलवे नि:शुल्क उसके घर तक उसकी डेड बॉडी को पहुंचाएगा।
इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति की सरकारी अस्पताल, जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान निधन हो जाता है तो उसे भी यह सुविधा मिलेगी। परिजनों को निकट के रेलवे स्टेशन पर स्टेशन प्रबंधक को लिखित आवेदन करना होगा।
पार्थिव शरीर के साथ एक सहायक का होना आवश्यक है। अस्पताल का मृत प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। फिलहाल वर्तमान में डेड बॉडी भी बुक होती है। रेलवे को दो क्विंटल सामग्री की बुकिंग के बराबर किराया या न्यूनतम 50 रुपये वहन करना पड़ता है। इसी व्यवस्था को कुछ शर्तों के साथ रेलवे ने आम लोगों के लिए लागू करने का निर्णय लिया है।
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